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मप्रः अनियमितता और भ्रष्टाचार करने वालों को छोड़ा नहीं जाएगाः शिवराज

शासकीय योजनाओं में पैसा खाने वाले भी माफियाओं के समान : मुख्यमंत्री

भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) ने कहा कि शासन द्वारा क्रियान्वित की जा रही जन-कल्याणकारी योजनाएँ (public welfare schemes) और विकास गतिविधियाँ गरीबों के कल्याण, वंचितों के उत्थान और प्रदेशवासियों की सुविधा के लिए हैं। इनके क्रियान्वयन में पैसा खाने वाले माफियाओं के समान (like money-eating mafia) हैं। अनियमितता और भ्रष्टाचार करने वालों को छोड़ा नहीं जाएगा। ऐसे व्यक्ति छापे और गिरफ्तारी के लिए तैयार रहें। प्रदेश में जिस प्रकार की कार्यवाहियाँ माफियाओं के विरूद्ध जारी हैं, ये लोग भी इसी प्रकार की कार्यवाहियों के पात्र हैं।

मुख्यमंत्री चौहान शनिवार को मंत्रालय में कलेक्टर- कमिश्नर कॉन्फ्रेंस को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने निर्देश दिए कि प्रधानमंत्री आवास योजना में किश्त की राशि डालने में विलंब के प्रति जीरो टोलरेंस की नीति अपनाई जाए। प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण में बेहतर प्रदर्शन करने वाले छतरपुर, बालाघाट, कटनी, जबलपुर और मण्डला को मुख्यमंत्री ने बधाई दी। छतरपुर के मुख्य कार्यपालन अधिकारी से आवास पूर्णता में 101.7 प्रतिशत की उपलब्धि अर्जित करने के लिए किए गए नवाचारों के संबंध में चर्चा की। उन्होंने आवास निर्माण में समय पर जियो टैगिंग करने, सेंटरिंग, ईंट, रेत, सीमेंट आदि की सामूहिक व्यवस्था कर निर्माण प्रक्रिया को किफायती और त्वरित बनाने और जिलों को नवाचार करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि आवास योजना क्रियान्वयन में प्रदेश को देश में प्रथम स्थान पर लाना है।


मुख्यमंत्री ने कहा कि आवास योजना में हितग्राहियों की सूची को अंतिम रूप देने के बाद मुख्यमंत्री की ओर से सभी हितग्राहियों को आवास स्वीकृति संबंधी पत्र तत्काल प्रेषित किए जाएँ। पात्र परिवारों की सूची भी ग्राम स्तर पर चस्पा की जाए। उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी में निवाड़ी, अनूपपुर तथा टीकमगढ़ में योजना क्रियान्वयन की धीमी प्रगति पर नाराजगी व्यक्त की। मुख्यमंत्री रसोई केन्द्र तथा मुख्यमंत्री आश्रय स्थल के संबंध में भी जानकारी प्रस्तुत की गई।

उन्होंने कहा कि जल अभिषेक अभियान प्रदेश में 11 अप्रैल से आरंभ हो रहा है। अभियान में प्रत्येक ग्राम में सभा का आयोजन सुनिश्चित किया जाए। साथ ही तालाबों का निर्माण 11 अप्रैल से आरंभ कर 15 जून तक पूर्ण करना सुनिश्चित करें। बेहतर तालाब निर्माण के लिए मनरेगा में मजदूरी के साथ 15वें वित्त आयोग, राज्य वित्त तथा वॉटर शेड में मशीनों का उपयोग भी किया जाए। कार्य स्थल पर इस आशय के बोर्ड भी स्पष्ट अंकित हों। उन्होंने कहा कि प्रदेश में निर्मित होने वाले तालाबों का लोकार्पण 15 जून को किया जाएगा। इस कार्यक्रम के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भी आमंत्रित करेंगे।

बैठक में जानकारी दी गई कि पुष्कर धरोहर समृद्धि अभियान के क्रियान्वयन में उमरिया, सिंगरौली, शहडोल और खण्डवा जिले अग्रणी हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि चेक डेम, स्टॉप डेम, बोरी बंधान जैसी जल-संरचनाओं के निर्माण के लिए अप्रैल और मई माह महत्वपूर्ण है। जिला कलेक्टर प्राथमिकता पर इन कार्यों को पूर्ण कराएँ। उन्होंने मनरेगा में मजदूरी में विलंब के लिए दोषियों पर कार्यवाही करने के निर्देश दिए। इंदौर, डिण्डौरी, बालाघाट, मुरैना और सीहोर को बेहतर कार्य प्रदर्शन के लिए बधाई दी गई। उन्होंने टीकमगढ़, सीधी, विदिशा, अनूपपुर और गुना में मजदूरी भुगतान में हुए विलंब पर नाराजगी व्यक्त की।

मुख्यमंत्री ने ग्राम सड़क योजना में विलंबित कार्यों पर नाराजगी व्यक्त करते हुए दतिया, भिण्ड और नरसिंहपुर में हुए विलंब की जाँच करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सभी मुख्य कार्यपालन अधिकारी सड़क निर्माण के कार्य में विलंब को गंभीरता से लें।

उन्होंने विकास गतिविधियों में आजीविका मूलक कार्यों को प्राथमिकता देने के निर्देश देते हुए कहा कि रोजगार उपलब्ध कराने वाले कार्यों को प्रोत्साहन दिया जाए। उन्होंने कहा कि खेती को लाभ का धंधा बनाने और किसान की आय दोगुनी करने के लिए कृषि का विविधीकरण आवश्यक है। प्रधानमंत्री मोदी भी कृषि के विविधीकरण और प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। मुख्यमंत्री ने बैक-टू-बेसिक्स की अवधारणा और जीरो बजट की खेती तथा मिलट मिशन में मोटे अनाज की खेती को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता बताई।

उन्होंने बताया कि गुजरात के राज्यपाल देवव्रत जी प्राकृतिक खेती का अलख जगाने 13 अप्रैल को भोपाल आ रहे हैं। उनके साथ प्राकृतिक खेती पर चर्चा के लिए समस्त मंडियों तथा किसान विकास केन्द्रों को जोड़ा जाएगा। बैठक में जानकारी दी गई कि डिण्डौरी में कोदो-कुटकी का रकबा बढ़ाने के प्रयास जारी हैं।

मुख्यमंत्री ने “एक जिला-एक उत्पाद” योजना की समीक्षा के दौरान कहा कि किसान अपने उत्पाद का ब्राण्ड बनाएँ। इसके लिए राज्य शासन किसानों को आवश्यक सहायता, मार्गदर्शन और प्रोत्साहन उपलब्ध कराएगा। प्रदेश में उत्पादित हो रहे गेहूँ, चावल, मोटे अनाज तथा अन्य कृषि उत्पादों के ब्राण्ड बनने से मध्यप्रदेश की पहचान और किसानों की आय में वृद्धि होगी। उन्होंने कहा कि “एक जिला-एक उत्पाद” में प्रदेश में अब गतिविधियाँ मूर्त रूप लेने लगी हैं। उत्पादित वस्तुओं के निर्यात को विशेष रूप से प्रोत्साहित किया जाएगा। कॉन्फ्रेंस में विभिन्न जिलों के उत्पादों तथा उनसे संबंधित गतिविधियों पर प्रस्तुतिकरण दिया गया।

मुख्यमंत्री ने वार्षिक साख सीमा, ऋण वसूली, जिलों की साख जमा तथा सरफेसी अधिनियम के क्रियान्वयन की समीक्षा भी की। उन्होंने कहा कि सभी कलेक्टर यह सुनिश्चित करें कि स्व-रोजगार के लिए ऋण लेने में लोगों को समस्या न आए। यह सुनिश्चित करने के लिए साख जमा अनुपात को 60 प्रतिशत से अधिक की स्थिति में रखना सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने राज्य स्तरीय बैंकिंग कमेटी की बैठक के साथ जिलों की बैठक लेने की आवश्यकता भी बताई। उन्होंने कहा कि ग्रामीण आवास, पथ-विक्रेता, स्वनिधि और मुद्रा योजना आदि के हितग्राहियों को ऋण चुकाने के लिए प्रेरित किया जाना आवश्यक है। उन्हें यह बताया जाए कि ऋण चुकाना हितग्राहियों के लिए ही लाभप्रद है। राशि जमा करने पर वे दोगुनी राशि का ऋण लेने के लिए पात्र हो जाते हैं। जानकारी दी गई कि सरफेसी अधिनियम में सर्वाधिक लंबित प्रकरण इंदौर, भोपाल, बैतूल, नर्मदापुरम और ग्वालियर में है।

वीडियो कॉन्फ्रेंस में ग्वालियर, चंबल संभाग द्वारा सुशासन की एक पहल में विवाद रहित ग्राम (समझौते से समाधान) तथा ई-ऑफिस की अवधारणा और क्रियान्वयन पर वर्चुअली प्रस्तुतिकरण दिया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि आगामी कलेक्टर-कमिश्नर कॉन्फ्रेंस में प्रत्येक संभाग और जिले से विभिन्न क्षेत्रों में एक-एक नवाचार और पहल पर प्रस्तुतिकरण की अपेक्षा रहेगी।

उन्होंने कहा कि अगली कलेक्टर-कमिश्नर कॉन्फ्रेंस में जिले में कुपोषण की स्थिति, आयुष्मान भारत योजना का क्रियान्वयन, जल जीवन मिशन, आगामी शैक्षणिक-सत्र की तैयारी तथा सीएम राइज स्कूल, ग्रीष्म ऋतु में पेयजल की स्थिति तथा कठिनाई वाले क्षेत्रों में पेयजल आपूर्ति के लिए की गई व्यवस्था, नगरीय क्षेत्रों में सड़कों का निर्माण एवं रख-रखाव, प्रत्येक गाँव, कस्बे के गौरव दिवस का उल्लास और उमंग के साथ आयोजन, नशामुक्ति के लिए गतिविधियों का संचालन, प्रदेश में नशामुक्ति अभियान आरंभ करना, उपार्जन केन्द्रों तथा त्वरित भुगतान की उचित व्यवस्था, पुन: आरंभ हो रही मुख्यमंत्री कन्या-विवाह तथा तीर्थ-दर्शन योजना का प्रभावी आयोजन एवं प्रबंधन, दो मई को लाड़ली लक्ष्मी दिवस का आयोजन और तैयारियाँ सहित जिलों में उत्पादित सामग्री के वैल्यू एडिशन, किसानों को अधिक लाभ तथा निर्यात के लिए हरसंभव व्यवस्था की समीक्षा भी की जाएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आगामी कमिश्नर-कलेक्टर कॉन्फ्रेंस में मैदानी स्तर पर आ रही समस्याओं के समाधान के लिए जिला कलेक्टरों के समूह बनाए जाएंगे। ये समूह विषय-विशेष तथा समस्या-विशेष का विश्लेषण और उसके समाधान संबंधी सुझावों पर वर्चुअली प्रस्तुतिकरण देंगे।

चौहान ने नवरात्रि एवं रामनवमी के शुभ अवसर पर सभी को शुभकामनाएँ देते हुए प्रदेश की सुख-शांति और प्रगति की कामना की। उन्होंने कहा कि प्रदेश में रामनवमी उल्लास, उत्साह और उमंग के साथ मनाई जाएगी। टीम मध्यप्रदेश, प्रदेश के विकास और सुशासन के लिए प्रतिबद्ध है। इस दिशा में निरंतर कार्य जारी रहेगा। (एजेंसी, हि.स.)

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