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मप्रः महिला उद्यमियों को मिलेगा भरपूर प्रोत्साहन : सीएम शिवराज

– मुख्यमंत्री ने किया मावे के तीन दिवसीय अधिवेशन स्वीप-2022 का शुभारंभ

भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) ने कहा कि महिला उद्यमियों को प्रोत्साहित (encourage women entrepreneurs) करने के लिए नए लाभकारी प्रावधान किए जाएंगे। इसके लिए प्रचलित योजनाओं में जरुरी संशोधन किए जाएंगे। मुख्यमंत्री महिला उद्यमी योजना (Chief Minister Women Entrepreneur Scheme) प्रारंभ होगी। भोपाल और इंदौर में महिला उद्यमियों के लिए अलग इंडस्ट्रियल क्लस्टर बनाया जाएगा। जिलों में एमएसएमई सेक्टर में प्रत्येक जिले में महिलाओं के लिए क्लस्टर आरक्षित करने की व्यवस्था की जाएगी। नई स्टार्टअप नीति में भी महिला उद्यमियों के लिए सुविधाएँ बढ़ाने के प्रावधान रहेंगे। स्टार्ट योर बिजनेस इन थर्टी डेज में महिला उद्यमियों को विशेष सुविधा, जबलपुर और अन्य स्थान पर मल्टी स्टोरीज फैक्टरी कॉम्पलेक्स के निर्माण सहित मुख्यमंत्री नारी सम्मान कोष की स्थापना भी होगी।


मुख्यमंत्री चौहान गुरुवार शाम को कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में मध्यप्रदेश महिला उद्यमी संगठन की कॉन्फ्रेंस ‘स्वीप 2022’ का शुभारंभ कर रहे थे। इसका आयोजन एमपी एसोसिएशन ऑफ वूमेन इंटरप्रेन्योर (मावे) ने किया था।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जब तक महिलाओं का सशक्तिकरण नहीं होगा, तब तक महिलाएँ तेजी से प्रगति नहीं कर सकती हैं। मध्यप्रदेश महिला सशक्तिकरण की प्रयोग भूमि है। आज से करीब 15 -16 वर्ष पूर्व तक मध्यप्रदेश में लिंगानुपात चिंता का विषय था। सामाजिक स्तर पर भी महिलाओं के प्रति भेदभाव देखा जाता था। वर्ष 2001 में प्रति एक हजार पुरुषों के पीछे 901 महिलाएँ थी, जो आज बढ़ कर 956 हो गई हैं। भारत सरकार के अभिलेखों में इसका उल्लेख है।

उन्होंने कहा कि लक्ष्य यह है कि यह संख्या एक हजार पर एक हजार हो। बेटियाँ संख्या में समान हो जाएं। लाड़ली लक्ष्मी योजना बेटियों को लखपति बनाने वाली योजना है। पढ़ने के लिए किताबें, स्कूल जाने के लिए साइकिल और कक्षा 12वीं में प्रथम श्रेणी में आने पर बिटिया गाँव की बेटी कहलाती है। सभी तरह की उच्च शिक्षा के लिए बेटियों का शिक्षा व्यय मध्यप्रदेश सरकार उठाएगी।

महिला स्व-सहायता समूहों की ताकत
चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश में निकाय चुनावों में 50 प्रतिशत आरक्षण और पुलिस में महिलाओं के लिए 30 प्रतिशत आरक्षण किया गया है। इंदौर ने 5 बार स्वच्छता के क्षेत्र में कीर्तिमान बनाया है, जिसका श्रेय इंदौर की महापौर रही श्रीमती मालनी गौड़ को भी है। राज्य सरकार ने महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए एक नहीं अनके कदम उठाए हैं, ताकि हमारी बहनें तेजी से आगे बढ़ सकें।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में कोरोना काल में महिलाओं ने अभूतपूर्व कार्य किया है। स्व-सहायता समूहों के महासंघ को पोषण आहार सामग्री के सात संयंत्रों के संचालन का जिम्मा दिया गया है। ये महासंघ 800 करोड़ रुपये का कारोबार कर रहा है। मध्यप्रदेश में 40 लाख स्व-सहायता समूह की हमारी बहनें हैं और इनका कुल 30 हजार करोड़ रुपये से अधिक का टर्नओवर है। मध्यप्रदेश में महिलाओं के विरुद्ध अपराध करने वालों की सम्पत्ति नष्ट करने का कदम उठाया गया है। दुराचारी को फाँसी का प्रावधान है।

जीआईएस में आएँ महिला उद्यमी
मुख्यमंत्री ने कहा कि महिलाएँ शक्ति का पुंज हैं, श्रद्धा हैं। वे अबला नहीं हैं। महिलाएँ हर क्षेत्र में पारंगत होती हैं। बड़ी संख्या में हमारी बहनें महिला उद्यमी बन सकें, इसके लिए उन्हें प्रोत्साहन में कोई कमी नहीं रहेगी। उन्हें उत्पाद की ब्रांडिंग, मार्केटिंग, ट्रेनिंग, ट्रेडिंग, कॉउंसिलिंग संबंधी कार्यों में पूरा सहायोग दिया जाएगा। मध्यप्रदेश देश का दिल है। यहाँ भूमि की उपलब्धता है, पानी और बिजली है, निवेशक प्रोत्साहन नीतियां हैं और प्रशासन सहयोगी है। जो मध्यप्रदेश आता है यही का होकर रह जाता है। उन्होंने मावे के अधिवेशन में आईं महिला उद्यमियों को आगामी 4,5, और 6 नवम्बर को इंदौर में होने वाली ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में भागीदारी के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में ख्याति प्राप्त भारतीय महिलाओं का भी विशेष रूप से उल्लेख किया।

वूमेन का अर्थ बताया मुख्यमंत्री ने
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि वूमेन का अर्थ डब्ल्यू अर्थात विल पावर (दृढ़ इच्छाशक्ति), ओ का अर्थ आर्गनाइज (हमेशा व्यवस्थित), एक का अर्थ मास्टर अर्थात हर क्षेत्र में पारंगत, ई का अर्थ इंटरप्रेन्योर (अपने बलबूते उद्यम स्थापित करने) और एन का अर्थ नोबल अर्थात ईमानदार और ममतामयी होने से है।

अधिवेशन में जिनेवा से आए वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गनाइजेशन के डॉ. शिशिर प्रियदर्शी ने कहा कि महिला उद्यमियों का प्रोत्साहन आवश्यक है। मुख्यमंत्री चौहान के मार्गदर्शन में मध्यप्रदेश और भी अधिक उपलब्धियाँ अर्जित करेगा।

सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा ने कहा कि महिलाएँ प्रबंधन की जानकार होती हैं। कम संसाधनों में वे परिवार के प्रबंधन के कार्य कर लेती हैं। महिला उद्यमियों की अर्थ-व्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका है। औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन मंत्री राजवर्धन सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री चौहान महिला सशक्तिकरण के पक्षधर हैं। उन्होंने बेटियों की शिक्षा,पोषण, स्वास्थ्य आदि की चिंता कर योजनाओं को लागू किया है। शिक्षित महिला श्रेष्ठ उद्यमी बनने की संभावना रखती है। प्रदेश में निर्यात परिषद भी गठित की गई है, जिसका लाभ महिला उद्यमियों को प्राप्त होगा।

विभिन्न देशों की प्रतिनिधियों की भागीदारी
अधिवेशन में मावे की अध्यक्ष अर्चना भटनागर ने स्वागत उद्बोधन और संगठन की गत 22 वर्ष की यात्रा का ब्यौरा दिया। उपाध्यक्ष भवना मदान, सतरुपा, सदस्य सीमा स्वामी, श्वेता, हर्षिता, ऊषा चंदा के अलावा मालदीव की मरयम शकीला, यूएन की कांता सिंह, इजिप्ट की डा.ओम निया, नेपाल की नीरु खत्री, श्रीलंका की अयांथी, डा. सुलोचना आदि उपस्थित थी।

मुख्यमंत्री ने आयोजन स्थल पर महिला उद्यमियों द्वारा प्रदर्शित विभिन्न उत्पादों के स्टाल्स भी देखे। उन्होंने महिला उद्यमियों से बातचीत की और कार्यक्रम के समापन पर प्रतिभागियों द्वारा सामूहिक रूप से प्रस्तुत प्रेरक गीत “हम होंगे कामयाब” भी सुना और उनकी सराहना की। (एजेंसी, हि.स.)

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