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कई बीमारियों से बचानें में मददगार है सरसों का तेल, फायदें जान रह जाओंगे हैरान

सरसों का तेल लगभग हर घर में पाया जाता है। ये तेल सरसों के पौधों के बीज से बना होता है। इस तेल में बेहतरीन स्वाद, तीखी सुगंध और हाई स्मोक प्वाइंट होता है। आमतौर पर इस तेल का इस्तेमाल सब्जियां बनाने या फ्राई करने के लिए किया जाता है। इसके अलावा मालिश, सीरम और हेयर ट्रीटमेंट में भी सरसों के तेल का इस्तेमाल होता है। सरसों के तेल के ये 7 अनोखे फायदे (Benefits of Mustard Oil) जानकर आप भी हैरान रह जाएंगे।

सूक्ष्म रोगाणुओं को बढ़ने से रोकता है-
कुछ स्टडीज के मुताबिक, सरसों के तेल में रोगाणु को रोकने के गुण होते हैं जो हानिकारक जीवाणुओं को विकसित नहीं होने देते हैं। एक टेस्ट-ट्यूब स्टडी के अनुसार सरसों का तेल ने एस्चेरिचिया कोलाई, स्टैफिलोकोकस ऑरियस और बैसिलस सेरेस जैसे बैक्टीरिया को बढ़ने से रोकता है। ये सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है।

स्किन और बालों के लिए फायदेमंद-
सरसों का तेल स्किन और बालों में (Mustard oil benefits for hair) भी बहुत फायदेमंद पाया गया है। यही वजह कि फेस या हेयर पैक में भी इस तेल का इस्तेमाल होता है। सरसों का तेल फटी एड़ियों में भी राहत देता है। सरसों का तेल स्किन से जुड़ी दिक्कतें (Mustard oil benefits for skin) दूर करता है और हड्डियों को मजबूत करता है इसलिए अक्सर छोटे बच्चों की मालिश (Daily massage with mustard oil) इसी तेल से की जाती है। सरसों का तेल झुर्रियां और फाइन लाइन्स कम करने का भी काम करता है।



दर्द कम करता है-
सरसों के तेल में एलिल आइसोथियोसाइनेट (allyl isothiocyanate) केमिकल होता है, जो शरीर दर्द को कम करने का काम करता है। इस तेल में अल्फा-लिनोलेनिक एसिड (alpha-linolenic acid)जैसा ओमेगा-3 फैटी एसिड होता है जो सूजन को कम करने और गठिया के दर्द से छुटकारा दिलाने में मदद करता है।

कैंसर कोशिका वृद्धि को धीमा करता है-
रिसर्च के मुताबिक, सरसों का तेल कुछ प्रकार की कैंसर कोशिकाओं के विकास और प्रसार को धीमा करता है। एक अन्य स्टडी के मुताबिक शुद्ध सरसों का तेल खासतौर से कोलन कैंसर कोशिकाओं के विकास को रोकता है। एक अन्य एनिमल स्टडी में पाया गया कि इस तेल में पाया जाने वाला एलिल आइसोथियोसाइनेट ब्लैडर कैंसर के विकास को लगभग 35% तक रोकता है।

दिल के लिए अच्छा-
सरसों के तेल में मोनोअनसैचुरेटेड फैटी एसिड अधिक मात्रा में होता है जो दिल की सेहत के लिए बहुत अच्छा होता है। स्टडीज के मुताबिक सरसों का तेल ट्राइग्लिसराइड, ब्लड प्रेशर और ब्लड शुगर के स्तर को कम करने में मदद करता है। इसके अलावा ये बैड कोलेस्ट्रॉल भी कम करता है जिससे दिल सुरक्षित रहता है। हालांकि एक्सपर्ट्स इस तेल का सेवन सीमित मात्रा में करने की सलाह देते हैं।

सूजन को कम करता है-
सरसों का तेल गठिया के लक्षणों को दूर करने, दर्द और बेचैनी को कम करने के अलावा ब्रोंकाइटिस की वजह से होने वाली सूजन को कम भी कम करने में काफी कारगर पाया गया है। एक एनिमस स्टडी के मे पाया गया है कि सरसों के बीज का सेवन करने से सोरायसिस से होने वाला सूजन काफी कम हो जाता है। इस तेल में पाया जाने वाला ओमेगा-3 फैटी एसिड ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को भी दूर करता है।

सर्दी-खांसी में असरदार-
सर्दी-खांसी में शुद्ध सरसों के तेल का इस्तेमाल नेचुरल उपचार के तौर पर किया जाता है। सरसों के तेल को कपूर के साथ मिलाकर छाती पर लगाने से ये कफ और जकड़न में काफी राहत देता है। गर्म पानी में सरसों के तेल की कुछ बूंदे डालकर भाप लेने से भी सर्दी-सिर दर्द से आराम मिलता है।

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