विदेश

नासा का इंजीन्यूटी हेलिकॉप्टर मंगल ग्रह पर उड़ने को तैयार

वाशिंगटन। अमेरिका(America) के मंगलग्रह (Mars) पर भेजे गए पर्सिवियरेंस रोवर(Persistence rover) के साथ एक छोटा हेलीकॉप्टर(Helicopter) भेजा गया है। यह अब मंगलग्रह(Mars) पर सोमवार को उड़ान भरेगा। तकनीकी खराबी के कारण कई चरणों में उड़ान रुकती रही है। इंजीन्यूटी (Ingenuity) नाम का हेलीकॉप्टर (Helicopter) मंगल के उन स्थानों से आंकड़ों को लाने में सक्षम होगा, जहां रोवर नहीं पहुंच सकता है। हेलीकॉप्टर के उड़ान भरने की पहली तारीफ 11 अप्रैल तय की गई थी। उसके बाद कई बार तकनीकी समस्या के कारण उड़ान रोकी जाती रही। इनजेनयुटी की उड़ान नासा की महत्वपूर्ण सफलता होगी। धरती के बाहर किसी हेलीकॉप्टर की यह पहली उड़ान होगी। रोबोट रोटर क्राफ्ट हेलीकॉप्टर मंगलग्रह पर रोवर पर्सिवियरेंस के साथ जोड़कर भेजा गया था। जिजेरो क्रेटर में रोवर 18 फरवरी को पहुंच गया था। हेलीकॉप्टर उड़ान भरने के करीब पौने तीन घंटे बाद आंकड़े मिलना शुरू हो जाएंगे। नासा को इससे चित्र और वीडियो मिलने की भी उम्मीद है।



अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के पर्सिवेरेंस रोवर के साथ मंगल ग्रह पर गया दो किलोग्राम वजनी इंजीन्यूटी हेलीकॉप्टर कुछ दिनों पहले मंगल ग्रह की सतह पर उतरा था। यह 10 फुट की ऊंचाई पर 30 सेकेंड तक रहेगा। यह पहली बार होगा जब कोई हेलीकॉप्टर मंगल की सतह से उड़ेगा और कैमरे में उसका नजारा कैद करेगा। दक्षिणी कैलिफोर्निया स्थित नासा की जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी के मिशन कंट्रोल विशेषज्ञों को उम्मीद है कि सोमवार सुबह से उन्हें डाटा मिलने लगेगा। नासा टीवी इस पूरी प्रक्रिया का सजीव प्रसारण करेगी।
मंगल ग्रह पर जीवन तलाशने के अभियान में नासा एक आयाम और जोड़ने जा रहा है। फरवरी में नासा ने पर्सेवरेंस रोवर को मंगल ग्रह की सतह पर उतार कर इतिहास रच दिया था। अब इंजीन्यूटी हेलिकॉप्टर मंगल ग्रह पर उड़ने को तैयार है। पहले यह 11 अप्रैल को उड़ान भरने वाला था, बाद में तकनीकी कारणों से इसकी उड़ान को टाल दिया गया। बता दें कि इंजीन्यूटी अभी तक पर्सिवेरेंस से जुड़कर चार्ज हो रहा था, लेकिन मंगल ग्रह के तापमान से अपने इलेक्ट्रानिक उपकरणों को सुरक्षित रखने के लिए अब वह अपने पावर सिस्टम का प्रयोग करेगा।

क्या है इंजीन्यूटी हेलिकॉप्टर और कैसे पहुंचा मंगल ग्रह पर
नासा का इंजीन्यूटी हेलिकॉप्टर को मार्स पर्सेवरेंस रोवर के पेट के नीचे कवर करके लाल ग्रह पर भेजा गया था। यह कंगारुओं के बच्चों की तरह रोवर के पेट में छिपा था। मंगल ग्रह की रात बेहद सर्द भरी होती है और सतह पर तापमान -130°F (-90°C) तक गिर जाता है, इसलिए इसे वहां काफी संभाल के रखा था। नासा ने बताया था कि इंजीन्यूटी मार्स हेलिकॉप्टर ने लाल ग्रह मंगल पर अपनी पहली सर्द रात काफी सफलतापूर्वक काटी, जो काफी बड़ी सफलता है।

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