नई दिल्ली। केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने भारत सरकार (Government of India) के शिक्षा मंत्रालय (Education Ministry) द्वारा आयोजित NEET 2022 परीक्षा में किए गए घोटाले के आरोप में मास्टरमाइंड (Masterminde) समेत 8 आरोपियों को गिरफ्तार किया है इनमें परीक्षार्थियों (Examinees) की जगह परीक्षा दे रहे दूसरे सॉल्वर भी शामिल हैं. यह परीक्षा (Exam) बीते रविवार यानी 17 जुलाई 2022 को आयोजित की गई थी. केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) के प्रवक्ता आरसी जोशी (RC Joshi) के मुताबिक जिन लोगों को गिरफ्तार किया गया है उनमें इस घोटाले का मास्टरमाइंड(mastermind) सुशील रंजन निवासी गौतम निवास गौतम नगर दिल्ली भी शामिल है. जिसे दिल्ली दिल्ली में एक परीक्षा सेंटर हैवलॉक स्क्वायर एग्जाम सेंटर के पास से गिरफ्तार (Arrested) किया गया.
इसके अलावा कृष्णा शंकर योगी और सनी रंजन को फरीदाबाद स्थित सेक्टर 8 परीक्षा केंद्र के पास से गिरफ्तार किया गया. एक लड़की निधि को हैवलॉक स्क्वायर सेंटर से गिरफ्तार किया गया कुंदन कॉलोनी बल्लभगढ़ हरियाणा स्थित परीक्षा केंद्र से गिरफ्तार किया गया. रघुनंदन को दिल्ली के पटपड़गंज इलाके में स्थित सीनियर सेकेंडरी स्कूल परीक्षा केंद्र से गिरफ्तार किया गया. भारत सिंह को सफदरजंग अस्पताल हॉस्टल से गिरफ्तार किया गया और सौरव को सेंट्रल गवर्नमेंट सर्वोदय बाल विद्यालय शकरपुर स्थित परीक्षा केंद्र से गिरफ्तार किया गया.
परिक्षार्थियों के यूजर आईडी और पॉसवर्ड एकत्र किए गए थे
सीबीआई के मुताबिक केंद्र सरकार के शिक्षा मंत्रालय द्वारा यह परीक्षा एमबीबीएस /बीडीएस बीएएमएस/ बी एस एम एस /बी यू एम एस आदि डॉक्टरी पेशे के तहत होने वाली शिक्षा के तहत ली जा रही थी. सीबीआई को सूचना मिली थी कि इस मामले में गौतम नगर निवासी एक मास्टरमाइंड आरोपी दिल्ली और हरियाणा के कई परीक्षा केंद्रों पर इस परीक्षा में शामिल होने वाले उम्मीदवारों की जगह साल्वर यानी दूसरे छात्र या छात्रा को बैठाने की साजिश में लगा हुआ है. यह भी पता चला की परीक्षा में बैठने वाले कुछ उम्मीदवारों के यूजर आईडी और पासवर्ड उक्त व्यक्तियों और उनके सहयोगियों द्वारा एकत्र किए गए थे.
परीक्षा में धांधली के लिए हुआ पैसों का लेन-देन
आरोप है कि इस मामले में योजना के अनुसार वांछित परीक्षा केंद्र प्राप्त करने के लिए भी घोटाले किए गए थे उन्होंने कथित तौर पर परीक्षा में शामिल होने के लिए प्राची उम्मीदवारों के उपयोग की सुविधा के लिए तस्वीरों को मिलाने या बदलने की प्रक्रिया का भी इस्तेमाल किया. जांच के दौरान पता चला कि जाली पहचान पत्र बनाने के उद्देश्य से ऐसे व्यक्तियों के पहचान पत्र की प्रतियां एकत्र की जा रही थी जो अपनी जगह पर दूसरे छात्र या छात्रा को मिटाना चाहते थे. आरोप है कि इस काम के लिए आरोपी छात्रों द्वारा बड़े पैमाने पर धन का लेनदेन भी किया गया था.
आरोपियों के पास से जाली दस्तावेज बरामद
सीबीआई (CBI) ने सूचना के आधार पर परीक्षा (Exam) वाले दिन बड़ी कार्यवाही करते हुए इन घोटाले बाजों को दिल्ली (Delhi) और हरियाणा (Haryana) में अलग-अलग जगहों से गिरफ्तार (Arrest) किया. इनके पास से जाली पहचान पत्र (Fake ID) तथा अन्य आपत्तिजनक दस्तावेज भी बरामद किए गए हैं. सीबीआई (CBI) का दावा है कि इस मामले में मास्टरमाइंड की गिरफ्तारी हो गई है लिहाजा मामले के सारे तार जल्द ही सुलझ जाएंगे. गिरफ्तार सभी आरोपियों को सीबीआई की विशेष अदालत के सामने पेश किया जाएगा. जहां से कुछ लोगों को पूछताछ के लिए रिमांड पर लाया जा सकता है. ध्यान रहे कि इस तरह के घोटाले क्योंकि पहले भी हो चुके हैं और सीबीआई तथा अन्य जांच एजेंसियां कई बार मुन्ना भाई एमबीबीएस (Munna Bhai MBBS) को गिरफ्तार कर चुकी है. लिहाजा जांच एजेंसियां ऐसे होने वाली परीक्षाओं के पहले सतर्क रहती हैं जिसके परिणाम स्वरूप ऐसे धोखेबाज पकड़े जाते हैं मामले की जांच जारी है.