
जयपुर। राजस्थान की सियासत में अब दिन प्रतिदिन एक से बढ़कर एक नए मोड़ आने लगे हैं। जहां एक तरफ कांग्रेस में बगावत का सिलसिला थमा नहीं है वहीं दूसरी तरफ मुख्य विपक्षी दल भाजपा में भी टूट का खतरा पैदा हो गया है। टूट के भय से भाजपा ने भी अपने 12 विधायकों को अहमदाबाद शिफ्ट कर दिया है। कांग्रेश में जहां मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और बगावती सचिन पायलट खेमा अभी भी अपनी अपनी रणनीति पर अड़े हुए हैं, वहीं दूसरी तरफ राजस्थान में कांग्रेस में बहुजन समाज पार्टी के सभी छह विधायकों के विलय को लेकर मामला बढ़ता ही जा रहा है । सूत्रों के हवाले से खबर आई है कि राजस्थान बहुजन समाज पार्टी के सभी छह विधायक अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए हैं। बताया जा रहा है कि कांग्रेस में शामिल हो चुके बसपा के सभी विधायकों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर विलय संबंधी मामले को अब राजस्थान हाई कोर्ट से सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर करने की मांग याचिका में की है। फिलहाल यह नहीं पता चल पाया है कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट कब सुनवाई करेगा। गौरतलब है कि बसपा की याचिका पर पिछले दिनों सुनवाई करते हुए राजस्थान हाई कोर्ट ने इस मामले में राजस्थान विधानसभा के स्पीकर सीपी जोशी के साथ ही बसपा के कांग्रेस में शामिल हो चुके इन सभी छह विधायकों को भी नोटिस जारी कर जवाब प्रस्तुत करने को कहा था। इसी फैसले के खिलाफ राजस्थान में कांग्रेस में विलय कर चुके बसपा के इन सभी विधायकों ने अब सुप्रीम कोर्ट की ओर रुख कर लिया है। काबिले गौर है कि जब राजस्थान में कांग्रेस की अशोक गहलोत सरकार बनी थी तभी से बसपा ने गहलोत सरकार का समर्थन कर दिया था। इसके बावजूद कांग्रेस ने बसपा के इन सभी विधायकों को कांग्रेस में विलय कर बसपा को तगड़ा झटका दे दिया था। अपने सभी 6 विधायकों के कांग्रेस में अचानक किए गए विलय से बसपा प्रमुख मायावती भी काफी नाराज हो गई थी और उन्होंने अब कांग्रेस को सबक सिखाने का निर्णय कर लिया है। इसके पहले भाजपा के एक विधायक दिलावर ने भी कांग्रेस में बसपा के 6 विधायकों के विलय को लेकर राजस्थान हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी जिसे हाईकोर्ट ने ठुकरा दिया था।
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