ओटावा । खालिस्तानियों की हरकतों (The actions of Khalistanis)की वजह से भारत-कनाडा रिश्तों (India-Canada relations)में दरार आने के बाद अब इसमें और और तल्खी आ सकती है। कनाडा ने गुरुवार को खालिस्तान समर्थक रबिंदर सिंह मल्ही(Khalistan supporter Rabinder Singh Malhi) की हत्या के आरोप (Murder charges)में एक भारतीय मूल के कनाडाई व्यक्ति राजिंदर कुमार को गिरफ्तार कर लिया है। कनाडाई पुलिस ने गुरुवार को इस बात की जानकारी दी है। कनाडा में दो समुदायों के बीच तनाव को बढ़ाने वाली इस हत्या की खबर 9 नवंबर को ओंटारियो में मिली थी। पुलिस ने रबिंदर कुमार की पत्नी शीतल वर्मा को भी कानूनी प्रक्रिया में बाधा डालने के आरोप में गिरफ्तार किया है।
गौरतलब है कि स्थानीय पुलिस ने अभी तक हत्या के पीछे के मकसद का खुलासा नहीं किया है। पुलिस ने कहा है कि राजिंदर कुमार और मल्ही एक-दूसरे को जानते थे। हालांकि इस मामले में सिख फॉर जस्टिस की संलिप्तता कई सवाल खड़े कर रही है। आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू का यह संगठन बात पर जोर दे रहा है कि हत्या में हिंदुत्व तत्व शामिल थे। वहीं लोगों ने इस गिरफ्तारी को राजनीति का हिस्सा बताया है। उनका आरोप है कि राजिंदर कुमार को खालिस्तानियों को खुश करने की ट्रूडो शासन की नीति के तहत हिरासत में लिया गया था।
इस बीच एसएफजे प्रमुख और खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने बुधवार को दावा किया है कि हिंदू सभा मंदिर के पुजारी राजिंदर प्रसाद द्वारा 3 नवंबर को हिंसा के लिए भड़काने के बाद राजिंदर कुमार की व्हाट्सएप पर मल्ही के साथ तीखी बहस हुई थी। पन्नू ने कहा, ” बहस के बाद राजिंदर कुमार ने मल्ही को अपने घर बुलाया और एक पूर्व नियोजित हमले में उसे चाकू मार दिया।” उसने कहा है कि कनाडाई पुलिस को राजिंदर प्रसाद को भी गिरफ्तार करना चाहिए था।
स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के अनुसार ब्रैम्पटन का रहने वाले मल्ही (52) को 9 नवंबर को रात करीब 10 बजे हाईवे के पास पर एक घर में घायल अवस्था में पाया गया। वहीं बुधवार को पील क्षेत्रीय पुलिस ने दो लोगों राजिंदर कुमार (47) और शीतल वर्मा (35) की गिरफ्तारी की घोषणा थी। फिलहाल वे हिरासत में हैं और उन्हें 18 नवंबर को ऑरेंजविले में ओंटारियो कोर्ट ऑफ जस्टिस के सामने पेश किया जाएगा।
इस बीच गुरुवार को एक कनाडाई पत्रकार के एक्स पर पोस्ट किए गए एक वीडियो को लेकर हंगामा मचा दिया है। वीडियो में खालिस्तानी तत्वों का एक समूह सर्रे में जुलूस के दौरान यह कहते हुए सुना गया है कि खालिस्तानी ही कनाडा के मालिक है। वायरल वीडियो में शख्स गोरों को वापस इंग्लैंड, इजरायल जाने की बात कर रहा है।
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