नई दिल्ली। दिल्ली (Delhi) में आयोजित 16वें टॉय बिजनेस एक्सपो (Toy Business Expo) के दौरान पीयूष गोयल (Piyush Goyal) ने कहा कि कोई भी व्यापार समझौता (Trade Agreement) तभी होगा, जब भारत के हित पूरी तरह सुरक्षित होंगे। राष्ट्रीय हित सबसे ऊपर है। अगर कोई अच्छा समझौता बनता है, तो भारत (India) विकसित देशों से व्यापार के लिए हमेशा तैयार है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत कभी भी डेडलाइन के दबाव में कोई फैसला नहीं करता। समझौते तभी होते हैं जब वे पूरी तरह परिपक्व और समझदारी से तैयार किए जाते हैं।
भारत और अमेरिका के बीच बातचीत इस समय अहम मोड़ पर है। भारत अपने श्रम-प्रधान उत्पादों के लिए अमेरिका में अधिक बाजार पहुंच चाहता है, वहीं अमेरिका चाहता है कि भारत उसके कृषि उत्पादों पर ड्यूटी में छूट दे। इस बातचीत की अहमियत इसलिए भी है क्योंकि 9 जुलाई को अमेरिका की ओर से भारत पर लगाए गए ‘रिसिप्रोकल टैरिफ्स’ की मियाद खत्म हो रही है। दोनों देश उससे पहले इस मुद्दे को सुलझाना चाहते हैं।
पीयूष गोयल ने बताया कि अमेरिका के अलावा भारत कई अन्य देशों के साथ भी व्यापार समझौतों पर बातचीत कर रहा है। इनमें यूरोपीय यूनियन, न्यूजीलैंड, ओमान, चिली और पेरू जैसे देश शामिल हैं। उन्होंने कहा कि भारत हर समझौते को पूरी परिपक्वता और आपसी लाभ के आधार पर ही अंतिम रूप देता है। भारत का फोकस राष्ट्रीय हित, घरेलू उद्योगों की सुरक्षा और किसानों के हितों पर है।
विशेषज्ञों के मुताबिक भारत-अमेरिका व्यापार समझौते में कृषि क्षेत्र सबसे संवेदनशील मुद्दा है। अमेरिका चाहता है कि भारत उसके कृषि उत्पादों पर टैक्स कम करे। लेकिन भारत के लिए यह फैसला आसान नहीं है क्योंकि किसानों का देश की राजनीति और संस्कृति में खास स्थान है। अमेरिका-भारत बिजनेस काउंसिल के अध्यक्ष अतुल केशप ने भी कहा कि दुनिया के हर देश में किसानों से जुड़े फैसले सबसे संवेदनशील होते हैं, क्योंकि ये सीधे जनता की भावनाओं और राजनीति से जुड़े होते हैं।
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