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अब बिना एनओसी सेना, सीआरपीएफ और बीएसएफ घाटी में ले सकती है जमीन


जम्मू-कश्मीर को लेकर केन्द्र सरकार का बड़ा फैसला
नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर को केन्द्र शासित राज्य का दर्जा दिए जाने और धारा 370 हटाए जाने के बाद केन्द्र सरकार ने भूमि अधिग्रहण को लेकर एक बड़ा फैसला लेते हुए सेना, सीआरपीएफ और बीएसएफ को बिना राज्य शासन की मंजूरी के भूमि अधिग्रहण का अधिकार दे दिया।
इसके पहले भूमि अधिग्रहण के लिए सेना को राज्य सरकार से इजाजत लेना पड़ती थी। यह फैसला जम्मू-कश्मीर के साथ ही सभी केन्द्र शासित प्रदेशों पर लागू होगा। प्रशासन ने यह निर्णय ऐसे समय में लिया है जब इससे कुछ दिन पहले भवन संचालन नियंत्रण एक्ट, 1988 और जम्मू-कश्मीर विकास एक्ट, 1970 में संशोधन की मंजूरी दी गई थी। यह सशस्त्र बलों को ‘रणनीतिक क्षेत्रोंÓ में निर्माण गतिविधियों की छूट देगा।
49 साल पुराना कानून बदला
केन्द्र सरकार ने करीब 49 साल पुराने वर्ष 1971 से लागू उस सर्कुलर को वापस ले लिया है जिसके तहत सेना, बीएसएफ, सीआरपीएफ और अन्य संगठनों को भूमि अधिग्रहण के लिए राज्य के गृह विभाग से एनओसी की जरुरत होती थी। अक्सर राज्य सरकार केन्द्रीय बलों को भूमि इसलिए नहीं देती थी ताकि वे राज्य की गतिविधियों में हस्तक्षेप न कर सके लेकिन अब सरकार ने 49 साल पुराने कानून को बदलकर सेना और सशस्त्र बलों को मजबूती प्रदान कर दी है।

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