ओडिशा: ओडिशा के बालासोर में ट्रेन हादसे ने सभी को हैरान कर दिया था. इस हादसे में 288 लोगों की जान चल गई. इस हादसे के लगभग एक सप्ताह के बाद स्थानीय लोगों ने शिकायत की है. उनका कहना है कि बहनागा बाजार रेलवे स्टेशन के पास एक क्षतिग्रस्त कोच से बदबू आ रही है. लोगों की चिंताओं पर रेलवे अधिकारियों की प्रतिक्रिया सामने आई है. उनका कहना है कि कि बदबू सड़े हुए अंडों की है. ये किसी शव की नहीं है.
समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, रेलवे स्टेशन से के पास रहने वाले लोगों ने चिंता जाहिर की कि वहां पड़े कोच बदबू आ रही है. ऐसा लग रहा है कि कुछ शव अभी भी हो सकते हैं. लोगों की शिकायत के बाद रेलवे के अधिकारियों ने राज्य सरकार की मदद लेकर सर्च ऑपरेशन चलाया.
दक्षिण पूर्व रेलवे के सीपीआरओ आदित्य कुमार चौधरी ने बताया कि सर्च ऑपरेशन के दौरान सड़े हुए अंडे पाए गए हैं. कोई मानव शरीर नहीं मिला है. बदबू आने का कारण अंडे ही हैं. यशवंतपुर-हावड़ा एक्सप्रेस के पार्सल वैन में लगभग तीन टन अंडे ले जाए जा रहे थे. उन्हें दो बार एनडीआरएफ से साइट क्लीयरेंस मिल चुका है. उन्होंने दुर्घटनास्थल से तीन ट्रैक्टरों की मदद से अंडे बाहर निकलवाए हैं.
इस महीने की 2 जून को कोरोमंडल एक्सप्रेस एक खड़ी मालगाड़ी से टकरा गई थी. ये टक्कर इतनी भीषण थी कि उसके अधिकतर डिब्बे पटरी से उतरकर पलट गए थे. इस दौरान उसके कुछ डिब्बे डाउन लाइन से गुजर रही बेंगलुरु-हावड़ा एक्सप्रेस केकुछ कोच से टकरा गए गए थे. बालासोर में हुए भयानक ट्रिपल-ट्रेन हादसे में अब तक 288 लोगों की मौत हो चुकी है और 1,200 से अधिक लोग घायल हुए थे.
हादसे के बाद कई परेशान करने वाले दृश्य सामने आए थे, जिसे देखकर हर कोई हैरान रह गया. तस्वीरें हादसे की भयावहता को बयां कर रही थीं. लाशों के ढेर लगे थे. अस्पतालों में घायलों के लिए बेड कम पड़ रहे थे. अबतक 200 से अधिक शवों की अब तक पहचान की गई है. उन्हें उनके परिजनों को सौंपा गया है.
अभी लगभग 80 शव भुवनेश्वर एम्स के मुर्दाघर में लावारिस और अज्ञात रखे हुए हैं, जिन पर कोई दावा तक नहीं कर रहा है. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने दावा किया कि यह हादसा इंटरलॉकिंग सिस्टम में बदलाव के चलते हुआ. सीबीआई की एक टीम ने बालासोर रेल हादसे के लिए आपराधिक लापरवाही के आरोपों की जांच कर रही है.
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