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कोविड-19 को चलन से बाहर ले जा रहा ओमिक्रॉन, विशेषज्ञों ने चौथी खुराक पर कही यह बात

वाशिंगटन। कोरोना वायरस के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के बढ़ते मामलों के बीच ईयू विशेषज्ञों ने कहा है कि यह प्रसार कोविड महामारी को एनडेमिक रोग (सामान्य और नियमित बीमारी) की तरफ ले जा रहा है। इस बीच अमेरिकी संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉ. फॉसी ने कहा कि संक्रमितों की रिकॉर्ड संख्या के बावजूद देश कोरोना के साथ रहने की दहलीज पर पहुंच गया है, जहां कोविड-19 संभालने योग्य बीमारी होगी।

यानी ईयू (यूरोपीय संघ) के दवा नियामक और अमेरिकी विशेषज्ञ दोनों ही मानते हैं कि ओमिक्रॉन वैरिएंट कोविड-19 को चलन से बाहर कर रहा है। यूरोपियन मेडिसिन एजेंसी के टीका रणनीति प्रमुख मार्को केवलेरी ने कहा, कोई नहीं जानता है कि हम कोविड रूपी इस सुरंग के अंतिम छोर पर कब होंगे, लेकिन हम वहां होंगे।

उन्होंने कहा, आम आबादी में इम्युनिटी में वृद्धि और ओमिक्रॉन के साथ बहुत सारी प्राकृतिक इम्युनिटी हासिल होगी। हम तेजी से ऐसी दिशा की तरफ बढ़ रहे हैं जो कि एनडेमिसिटी के करीब होगी। हालांकि अभी यह अपने चरम पर है और इससे सावधानी जरूरी है।


उधर, अमेरिकी संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉ. एंटनी फॉसी ने कहा, फिलहाल ओमिक्रॉन अपनी अभूतपूर्व क्षमता के साथ हर शख्स तक पहुंच रहा है। इसे खत्म करना वास्तविक नहीं लेकिन ओमिक्रॉन अब नए चरण में प्रवेश करेगा जहां वायरस के खिलाफ पर्याप्त सुरक्षाएं होंगी। दवा और टीके भी होंगे। ऐसे में संक्रमित होने वाले शख्स का इलाज आसान होगा और खतरा घटेगा।

बूस्टर डोज को लेकर जताया संदेह
यूरोपियन मेडिसिन एजेंसी (ईएमए) ने लोगों को बूस्टर डोज पर संदेह जताया है। ईएमए ने कहा कि वैक्सीन का चौथा डोज देना कोई सटीक रणनीति नहीं है। ईएमके के वैक्सीन स्ट्रैटजी के प्रमुख मार्को केवलेरी ने कहा कि बूस्टर डोज बार-बार देने से लोगों को स्वास्थ्य संबंधी कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। इससे लोगों में ज्यादा थकावट हो सकती है। ऐसे में लंबे अंतराल में बूस्टर डोज पर विचार करना चाहिए।

50 फीसदी से ज्यादा बढ़े कोरोना केस, मौतें स्थिर : डब्ल्यूएचओ
डब्ल्यूएचओ ने अपनी नवीनतम महामारी रिपोर्ट में कहा है कि पिछले सप्ताह नए कोरोना संक्रमणों की संख्या में करीब 55 फीसदी की वृद्धि हुई है जबकि मौतों की संख्या स्थिर रही। उसने बताया, पिछले सप्ताह करीब 1.5 लाख नए कोविड-19 मामले आए और मौते 43,000 से ज्यादा हुईं। अफ्रीका को छोड़कर दुनिया के हर क्षेत्र में कोरोना मामले बढ़े।

इस बीच, डब्ल्यूएचओ में संक्रामक रोग विज्ञानी मारिया वान केरखोव ने कहा कि ओमिक्रॉन वैरिएंट कोरोना के डेल्टा स्वरूप से आगे निकल रहा है और दुनिया में इससे होने वाले संक्रमण बढ़े हैं। हालांकि उन्होंने कहा कि अन्य स्वरूपों की तुलना में ओमिक्रॉन कम गंभीर है। हालांकि उन्होंने चेताया कि हल्के होने के बावजूद इसे हल्के में न लिया जाए।

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