अलवर: राजस्थान के अलवर (Alwar) में मंदिर गिराने के खिलाफ बुधवार को हिन्दू संगठनों (Hindu sangathan) ने पैदल मार्च निकाला. इस प्रदर्शन में इलाके के सांसद बालकनाथ समेत तमाम साधु-संतों ने हिस्सा लिया. इसके अलावा कलेक्ट्रेट के बाहर भी भारी संख्या में लोग जुटे और अपना विरोध दर्ज कराया.
बीजेपी ने मांगा गहलोत का इस्तीफा
प्रदर्शन में शामिल बीजेपी सांसद बालकनाथ (Balak Nath) ने कहा कि राजस्थान सरकार तुष्टीकरण की राजनीति कर रही है और हमने ज्ञापन सौंप कर मंदिर गिराने में शामिल अधिकारियों के खिलाफ सख्त एक्शन की मांग की है. सांसद ने कहा कि इस मामले के बाद अब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को इस्तीफा देना चाहिए.
बीजेपी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय (Kailash Vijayvargiya) ने कहा कि अलवर में मंदिर के आसपास बने कई अवैध निर्माण नहीं गिराए गए जबकि सिर्फ मंदिर को निशाना बनाया गया. उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार ने तुष्टीकरण राजनीति से मंदिर गिराने का काम किया है और जनता में इसके खिलाफ आक्रोश है.
मुगल मानसिकता का करेंगे विरोध
विजयवर्गीय का आरोप है कि अलवर के उसी इलाके में एक मुस्लिम की दुकान को छेड़ा तक नहीं गया लेकिन मंदिर के खिलाफ कार्रवाई की गई. उन्होंने कहा कि बीजेपी हमेशा ऐसी मुगल मानसिकता का विरोध करती रहेगी. उन्होंने कहा कि राजस्थान में हिन्दू समाज को निशाना बनाया जा रहा है.
बीजेपी महासचिव ने कांग्रेस की गहलोत सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि अलवर में अराजकता फैलाने का काम हुआ है और सरकार वर्ग विशेष को संरक्षण देने का काम कर रही है. उन्होंने कहा कि सिर्फ हिन्दुओं के मकान और मंदिरों पर एकतरफा कार्रवाई की जा रही है.
मंदिर तोड़ने पर एक्शन
मंदिर तोड़ने पर विवाद बढ़ता देख राजस्थान सरकार ने राजगढ़ (अलवर) नगर पालिका के अध्यक्ष व अधिशासी अधिकारी (ईओ) को सस्पेंड कर दिया है. स्वायत्त शासन विभाग ने इस बारे में आदेश जारी किया है. आदेश के मुताबिक राजगढ़ नगर पालिका क्षेत्र में 17 अप्रैल को विभिन्न निर्माण कार्य हटाने के मामले में विभाग ने प्राथमिक जांच करवाई. आदेश के अनुसार इस जांच की रिपोर्ट व उपलब्ध दस्तावेजों के अनुसार नगर पालिका अध्यक्ष सतीश दुहारिया ने कानून के खिलाफ जाकर काम किया.
राजगढ़, अलवर के उपखंड अधिकारी केशव कुमार मीना (आरएएस) को भी सोमवार को सस्पेंड कर दिया गया था. राजगढ़ नगर पालिका क्षेत्र में 17 अप्रैल को अतिक्रमण हटाओ अभियान के दौरान एक मंदिर को ढहाने पर विवाद की शुरुआत हुई थी.
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