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निर्जला एकादशी इस दिन, जानें पारण का सही तरीका, इन चीजों का करें दान


नई दिल्ली: सालभर में आने वाली सभी 24 एकादशियों में से निर्जला एकादशी का खास महत्व होता है. निर्जला एकादशी के व्रत के दौरान ना कुछ खाया जाता है और ना ही कुछ पीना होता है. निर्जला एकदशी का व्रत सबसे ज्यादा कठिन माना जाता है. अगर आप सालभर में आने वाली 24 एकादशियों का व्रत नहीं रख पाते हैं तो सिर्फ निर्जला एकादशी का व्रत रखने से ही आपको सभी एकादशियों का लाभ मिल जाता है. ज्येष्ठ मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी को निर्जला एकादशी मनाई जाती है. इस साल निर्जला एकादशी 10 जून 2022 को शुक्रवार के दिन मनाई जाएगी.

निर्जला एकादशी शुभ मुहूर्त और पारण का समय

  • निर्जला एकादशी शुक्रवार, जून 10, 2022 को
  • एकादशी तिथि प्रारम्भ जून 10, 2022 को सुबह 07 बजकर 25 मिनट से शुरू
  • एकादशी तिथि समाप्त जून 11, 2022 को सुबह 05 बजकर 45 मिनट पर समाप्त
  • निर्जला एकादशी पारण का समय सुबह 05 बजकर 49 मिनट से 08 बजकर 29 मिनट तक

निर्जला एकादशी के दिन करें इन चीजों का दान
अनाज, जल, कपड़े, आसन, जूता, छतरी, पंखी, फल
माना जाता है कि इस दिन तिल और जल से भरे कलश का दान करने से श्रद्धालुओं को सालभर की सभी एकादशियों का लाभ मिलता है.


निर्जला एकादशी के व्रत के दौरान करें ये काम

  • एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठकर सूर्यदेव को जल चढ़ाएं.
  • इसके बाद पीले रंग के वस्त्र धारण करके भगवान विष्णु की पूजा करें.
  • उन्हें पीले फूल, पंचामृत अर्पित करें.
  • इस दिन एक घूंट भी जल का सेवन नहीं करना होता. इस दिन जल और जल से भरे पात्र का दान करना बेहद शुभ माना जाता है.
  • अगर आपका स्वास्थ्य सही नहीं है तो ऐसी स्थिति में आप दिनभर उपवास के दौरान गुनगुने पानी में नींबू डालकर पीएं. अगर आप बिल्कुल भी उपवास नहीं रख सकते हैं तो उपवास के दौरान फल भी खा सकते हैं.
  • इस दिन श्री हरि और माता लक्ष्मी के मंत्रों का जाप करें.
  • एकादशी के दिन रात में सोना नहीं चाहिए. इस दिन रातभर भगवान विष्णु की उपासना करनी चाहिए.
  • इस दिन ब्राह्मणों और जरूरतमंदों को दान करने के बाद ही व्रत खोलना चाहिए.

निर्जला एकादशी के दिन गलती से भी ना करें ये काम

  • एकादशी तिथि के सूर्योदय के बाद से लेकर द्वादशी तिथि के सूर्योदय तक पानी नहीं पिया जाता और ना ही कुछ खाया जाता है.
  • एकादशी के दिन घर में चावल नहीं बनाना चाहिए.
  • इस दिन गलती से भी तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ने चाहिए.
  • निर्जला एकादशी के दिन शारीरिक संबंध बनाना वर्जित माना जाता है.
  • इस दिन प्याज, लहसुन या मांस-मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए.
  • इस दिन बेवजह का आलस्य नहीं करना चाहिए.

कैसे करें निर्जला एकादशी व्रत का पारण
ज्योतिष शैलेंद्र पांडेय के मुताबिक, निर्जला एकादशी के अगले दिन सुबह जल्दी उठकर सूर्यदेव को जल अर्पित करें. इसके बाद निर्धनों को अन्न, वस्त्र और जल का दान करें. इसके बाद नींबू पानी पीकर व्रत समाप्त करें. व्रत के तुरंत बाद पहले हल्का भोजन करें.

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