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Population Data : 2050 तक ‘यंग’ नहीं रहेगा हमारा India, जानें क्या कहते हैं आंकड़े

नई दिल्ली: देश में पिछले काफी समय से ‘यंग इंडिया’ (Young India) और ‘युवा भारत’ (Youth India) जैसेनारों और थीम के साथ भारत को बदलने की कल्पना और थ्योरी पर काम हो रहा है लेकिन अमेरिका के पॉपुलेशन रेफरेंस ब्यूरो (Population Reference Bureau) की स्टडी के मुताबिक, इन पर बनी स्कीम और योजनाएं धरी रह जाएंगी, क्योंकि देश में वर्ष 2050 तक 65 साल से अधिक उम्र के लोगों की संख्या तीन गुना तक बढ़ जाएगी और हमारे देश की गिनती बुजुर्ग देशों में की जाने लगेगी.

भारत के लिए बड़ी चिंता
पॉपुलेशन और सेंसस को लेकर दुनिया की प्रतिष्ठित संगठन PRB की स्टडी के मुताबिक, 2050 तक भारत की जनसंख्या 170 करोड़ तक पहुंचने का अनुमान है, जिसके तहत अगले 32 वर्षों में बच्चों की संख्या (15 साल से कम उम्र के बच्चे) 20 फीसदी कम हो जाएगी, वहीं 65 साल से अधिक उम्र के लोगों की संख्या तीन गुना तक बढ़ जाएगी.

लगातार तीन साल के अनुमान
पीआरबी ने निर्भरता (Dependency) का यह डाटा विभिन्न देशों और क्षेत्रों में इकट्ठा किया है. वैश्विक स्तर पर सेंसस का डाटा (Census Data) उपलब्ध कराने वाली PRB के मुताबिक, 2018 में देश की बच्चों की वृद्धि दर 28% है, जो 2050 में घटकर 19% हो जाएगी. इसके मुकाबले 65 वर्ष से अधिक लोगों की वृद्धि दर का अनुपात 6 से बढ़कर 13% हो जाएगा.


पीआरबी ने निर्भरता का यह डाटा विभिन्न देशों और क्षेत्रों में इकट्ठा किया है. वहीं PRB की 2019 की रिपोर्ट के मुताबिक यूरोप (Europe) और एशिया (Asia) तेजी से बूढ़े हो रहे हैं, वहीं अफ्रीका में दुनिया की सबसे युवा आबादी (World’s Largest Youth Population) रहती है.

साल 2020 में आई जनसंख्या अनुसंधान ब्यूरो की पिछली रिपोर्ट में इसी तरह के अनुमान लगाए गए थे. आपको बता दें कि ये संगठन दुनिया के 200 से अधिक देशों और क्षेत्रों के लिए प्रमुख जनसंख्या, स्वास्थ्य और पर्यावरण संकेतकों पर नवीनतम डेटा प्रदान करती है.

सरकार ने दिया था ये जवाब
कोरोना महामारी के चलते सभी काम प्रभावित हो रहे हैं. साथ ही हर 10 साल में होने वाली जनगणना भी साल भर से रुकी हुई है. भारत सरकार ने जनगणना कार्य स्थगित कर दिया है. ऐसे में किसी योजना या अन्य कार्य के लिए 2011 की जनगणना का ही इस्तेमाल किया जा रहा है. जबकि तीन साल पहले सरकार ने लोकसभा में बताया था कि बुजुर्गों की आबादी 2050 तक बढ़कर 34 करोड़ पहुंचने की संभावना है. यह आंकड़ा (Data) संयुक्त राष्ट्र (UN) के 31.68 करोड़ के अनुमान से थोड़ी अधिक है, जो यह स्पष्ट संकेत देती है कि भारत अनुमान से अधिक तेजी से बूढ़ा हो रहा है.

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