ढाका। बांग्लादेश (Bangladesh) में बीते साल 5 अगस्त के घटनाक्रम के बाद से राजनीतिक परिदृश्य तेजी से बदल गया है। मोहम्मद यूनुस (Mohammad Yunus) के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार के दौर में देश के अंदर पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई (ISI) पूरी तरह से सक्रिय हो गई है। बांग्लादेश में इस्लामी कट्टरपंथियों का प्रभाव तेजी से बढ़ रहा है। इसके लिए आईएसआई अपने प्रॉक्सी को काम में लगा दिया है। बांग्लादेश की पूर्व सत्ताधारी पार्टी अवामी लीग के वरिष्ठ नेता और पार्टी के संयुक्त सचिव बहाउद्दीन नसीम ने बांग्लादेश में कट्टरपंथियों के बढ़ते असर को लेकर चेतावनी दी है।
बांग्लादेश में एक अज्ञात स्थान से बातचीत करते हुए नसीम ने द संडे गार्डियन को बताया कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के समर्थित कट्टरपंथी और चरमपंथी समूह व्यवस्थित रूप से देश के धर्मनिरपेक्ष माहौल को खत्म कर रहे हैं। 5 अगस्त 2024 को शेख हसीना को पद छोड़ने के लिए मजबूर किए जाने को उन्होंने लोकतंत्र पर हमला बताया और दावा किया कि इसके बाद से बांग्लादेश में स्थिति काफी खराब हो गई है।
आईएसआई रच रही सारा खेल
नसीम ने कहा कि 5 अगस्त की घटना ने जिहादियों और कट्टरपंथियों को मुख्यधारा में प्रवेश करने का मौका दे दिया है। उन्होंने दावा किया कि आईएसआई आज बांग्लादेश में पर्दे के पीछे की प्रमुख खिलाड़ी है, जो देश को इस्लामी कट्टरपंथियों के लिए एक सुरक्षित पनाहगाह बनाने के लिए काम कर रही है।
नसीम ने कहा कि आईएसआई अपने प्रॉक्सी कट्टरपंथी संगठनों और जमात-ए-इस्लामी का उपयोग देश के इतिहास को फिर से आकार देने और इसकी धर्मनिरपेक्ष नींव को मिटाने के लिए कर रही है। मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि उनके अधिकांश सलाहकार चरमपंथी समूहों से जुड़े हुए हैं, या कट्टरपंथी हैं।
अवामी लीग एक दूसरे शीर्ष नेता और केंद्रीय कार्यकारी समित के सदस्य और पूर्व सूचना एवं प्रसारण मंत्री मोहम्मद ए. अराफात ने बताया कि 5 अगस्त के बाद अवामी लीग के सभी कार्यकर्ताओं के घरों पर हमला किया गया। हमें भागना पड़ा या छिपना पड़ा, क्योंकि हमारे पास कोई अन्य विकल्प नहीं था।
आईएसआई से जुड़े जिहादी फैला रहे अशांति
कट्टरपंथियों के उभार पर अराफात ने कहा, ‘जमात का मुख्यालय लाहौर में ही है। वे ही थे, जिन्होंने 1971 में पाकिस्तान का समर्थन किया था। यह कोई संयोग नहीं है कि वे फिर से सबसे आगे हैं। प्रोफेसर यूनुस केवल एक चेहरा हैं, वास्तव में पाकिस्तान से जुड़े ये जिहादी संगठन की बांग्लादेश में अराजकता पैदा कर रहे हैं। भारत के खिलाफ दुश्मनी को बढ़ा रहे हैं और हमारे लोगों को कट्टरपंथी बना रहे हैं।’
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