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इमरान ने अपने राज में अब तक 18 लाख करोड़ का लिया कर्ज, पाक के बाकी पीएम से है ज्यादा

इस्लामाबाद । इमरान खान (Imran Khan)…वह खिलाड़ी जिसके नेतृत्व में पाकिस्तान (Pakistan) ने 1992 में विश्वकप जीता. इसके बाद पाकिस्तान की सड़कों पर इमरान की मुहब्बत में लड़कियां नारे लगा रही थीं. इमरान खान जब अपने इलाके में पहुंचे तब गोलियां चलाकर जश्न मनाया गया. इसके बाद इमरान ने जनता को नए पाकिस्तान के सपने दिखाए. लोगों ने विश्वास कर उन्हें सत्ता दिलाई. लेकिन अब जब एक बार फिर ऐसी स्थिति बन गई है, जब पाकिस्तान के एक प्रधानमंत्री (Prime minister) के तौर पर इमरान खान का नाम भी अपना कार्यकाल ना पूरा कर पाने वाले प्रधानमंत्रियों की फेहरिस्त में शुमार हो सकते हैं. तब ये सवाल उठने लगा कि आखिर इमरान ने 3 साल के कार्यकाल में पाकिस्तान को क्या दिया?


नया पाकिस्तान का नारा देकर सत्ता पाने वाले इमरान खान पाकिस्तान की जनता को सिर्फ अपने राज में 18 लाख करोड़ रुपए के कर्ज में डुबा दिए. तब्दीली की बात करके सत्ता पाने वाले इमरान खान ने अपने राज में पाकिस्तान की जनता पर प्रति दिन 1400 करोड़ रुपए का कर्जा थोप दिया है.

यानी 2018 में जो इमरान कहते थे कि मुल्क चलाने लायक पैसा नवाज शरीफ, बेनजीर की सरकारों ने नहीं छोड़ा. वही हाल इमरान खान के अपने तक के कार्यकाल में नजर आ रहा है. 75 साल में जितना कर्जा किसी सरकार ने नहीं छोड़ा, उससे ज्यादा उधारी इमरान पाकिस्तानियों के सिर पर चढ़ा चुके हैं. पाकिस्तान पर फरवरी 2022 तक कर्ज चढ़कर 4300000 (43 लाख करोड़ पाकिस्तानी रुपए) हो चुका है. जिसमें से अकेले 18 लाख करोड़ रुपए का उधार वाला कर्ज साढ़े तीन साल में इमरान खान ने पाकिस्तान चलाने के लिए लिया.

इमरान खान ने कितना कर्ज चढ़ाया
पाकिस्तान के पूर्व वित्त मंत्री मिफ्ता इस्माइल का दावा है कि पाकिस्तान पर 45 हजार अरब रुपए का कर्ज है. जब इमरान खान सत्ता में आए थे तो 25 हजार अरब रुपए थे. 18 हजार अरब रुपए साढ़े तीन साल में बढ़ाया है. 18 हजार अरब रुपए कितना होता है, जितना 71 साल में कर्ज लिया गया. लियाकत अली खान से शाहिद अब्बासी तक, सारे पीएम को मिला लें तो सबने मलिकर जितना कर्ज लिया था 71 साल में, उसका 71 पीसदी कर्जा साढ़े तीन साल में ले लिया इमरान ने.

दुनिया भर से उधार लेकर चलते देश में अब जब फिर से अस्थिरता आ चुकी है तो क्या पाकिस्तान का हाल भी श्रीलंका जैसे हो सकता है ? जहां दूध के पाउडर से लेकर खाने पीने का तमाम सामान कई गुना ज्यादा रेट पर बिक रहा है. क्या श्रीलंका की तरह ही कर्ज में डूबकर पाकिस्तान की जनता भी विद्रोह कर सकती है ? अगर राजनीतिक हलचल जल्द शांत नहीं हुई ?

पाकिस्तान से अलग टुकड़ा होकर बांग्लादेश बनते वक्त जितनी रूपए की कीमत इमरान खान के मुल्क की नीचे गिरी थी. उससे भी ज्यादा गिरावट इमरान अपने राज में अपने देश के रुपए की कर चुके हैं. ऐसी हालत कि पाकिस्तान में बेनजीर की पार्टी पीपीपी के राज में 16 अरब डॉलर का कर्ज लिया गया था. नवाज की पार्टी के पांच साल के राज में 34 अरब डॉलर का कर्ज लिया गया था. लेकिन इमरान खान ने तो साढ़े तीन साल में ही 36 अरब डॉलर का विदेशी कर्ज ले डाला.

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