लाहोर (Lahore)। नीदरलैंड (Netherlands) में प्रवासी पाकिस्तानी ईसाइयों (Overseas Pakistani Christians) ने बुधवार को पाकिस्तान (Pakistani ) में महिलाओं और लड़कियों के मानवाधिकारों के उल्लंघन का विरोध किया। 8 मार्च को आयोजित महिला दिवस के अवसर पर एक्शन कमेटी फॉर क्रिश्चियन राइट्स, ओवरसीज पाकिस्तान क्रिश्चियन एलायंस और ग्लोबल ह्यूमन राइट्स डिफेंस (GHRD) ने नीदरलैंड (Netherlands) में प्रदर्शन किया।
जीएचआरडी ने कहा कि पाकिस्तान में महिलाओं के खिलाफ हिंसा एक ऐसी समस्या है जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। महिलाओं को कई खतरों का सामना करना पड़ता है। महिलाओं के साथ बलात्कार, हत्या, घरेलू हिंसा और जबरन शादी, धर्मांतरण कराना पूरे पाकिस्तान में आम है। जब जबरन धर्मांतरण और विवाह की बात आती है तो अल्पसंख्यक महिलाओं को और भी अधिक जोखिम होता है।
देश में हिंदुओं, ईसाइयों और अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों की स्थिति बद से बदतर होती जा रही है। अल्पसंख्यक महिलाओं और लड़कियों का अपहरण किया जाता है, जबरन धर्मांतरण किया जाता है और फिर उनसे जबरन शादी की जाती है। उनके साथ दुर्व्यवहार किया जाता है और उनके परिवार कानूनी रास्ते का उपयोग करके इन अपराधों को चुनौती देने के अपने प्रयासों में असफल होते हैं।
विरोध दूतावास के पास ऑरंजस्ट्राट/पैलेस्ट्राट में शुरू हुआ और ट्वीडे कामेर बेज़ुइडेनहॉट्सवेग तक चला। द न्यूज इंटरनेशनल के मुताबिक, ईसाई समुदाय को एक ही कब्र में पांच से 10 शवों को दफनाने के लिए मजबूर किया जाता है। जो पहले से ही कंकालों और हड्डियों से भरा हुआ है, क्योंकि पेशावर और खैबर पख्तूनख्वा के अन्य शहरों में रहने वाले 70,000 से अधिक ईसाइयों के लिए चार कब्रिस्तान हैं। पेशावर में ईसाई समुदाय के एक प्रतिनिधि ऑगस्टिन जैकब ने कहा कि पुरानी कब्रों को खोदा जा रहा है और मृतकों को दफनाने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। पाकिस्तान में ईसाई और अन्य अल्पसंख्यक पर मुसलमान और और सरकारी अधिकारी अत्याचार करते है।
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