नई दिल्ली। आतंकवादी ठिकानों (Terrorist bases) पर भारत (India) के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ (Operation Sindoor.) से पाकिस्तान (Pakistan) बुरी तरह बौखला गया है। अपने पाले दहशतगर्दों मौत के बाद एक तरफ जहां वह मातम में है तो दूसरी तरफ भारत के खिलाफ जंग जैसे हालात पैदा करने की कोशिश कर रहा है। पिछले दो दिनों से उसने जम्मू-कश्मीर, पंजाब और राजस्थान के कई शहरों को निशाना बनाने की कोशिश की है। पड़ोसी मुल्क ने अपनी नापाक हरकतों को ऑपरेशन ‘बुन्यान-ए-मर्सूस’ (Operation Bunyan Un Marsoos) नाम दिया है।
‘बुन्यान-ए-मर्सूस’ एक अरबी शब्द है। इसका शाब्दिक अर्थ होता है- बहुत ही मजबूत नींव। इमारत की ऐसी नींव जिसमें सीसे से जुड़ाई हुई हो या सीसे से बनी हुई बुनियाद, (अर्थात्) वो बुनियाद जो बहुत मजबूत और ठोस हो। अब पाकिस्तान ने यह नाम क्यों चुना है यह तो वही बता सकता है। क्या वह अपनी इन हरकतों से जंग के लिए मजबूत नींव रखा चाहता है या वह अपने देश में आतंकवाद की मजबूत नींव को उजागर कर रहा है?
पाकिस्तान के पाले हुए इन्हीं आंतकवादियों ने 22 अप्रैल को पहलगाम में कायराना हमला करते हुए 26 निहत्थे पर्यटकों की हत्या कर डाली। हमले का बदला लेने के लिए भारत ने पाकिस्तान और उसके कब्जे वाले कश्मीर में 9 आतंकवादी ठिकानों पर मिसाइल से हमले किए। इसमें जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा का ठिकाना शामिल था। हमले में मसूद के परिवार के भी कम से कम 10 लोग मारे गए।
आतंकियों की मौत पर पाकिस्तान इस तरह झुंझला गया कि भले ही उसके पास जनता को आटा देने के पैसे ना हो लेकिन वह कर्ज लेकर भी जंग लड़ने को तैयार है। वह दो दिन से भारत पर उकसावे की कार्रवाई को अंजाम दे रहा है। ‘बुन्यान-ए-मर्सूस’ के तहत उसने भारत के कई इलाकों को निशाना बनाने की नाकाम कोशिशें की हैं। भारत के मजबूत एयर डिफेंस ने सीमा पार से आने मिसाइलों और ड्रोन्स को मार गिराया है। हालांकि, जम्मू-कश्मीर में सीमावर्ती इलाकों में उसने कुछ मासूम नागरिकों की जान ले ली है।
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