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दिल्ली से भोपाल लौटते समय वंदे भारत ट्रेन में डिनर को लेकर यात्रियों का हंगामा

भोपाल: हजरत निजामुद्दीन से रानी कमलापति रेलवे स्टेशन आने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस में रविवार की रात खाना खत्म हो गया. यात्रियों ने जब खाना मांगा तो उन्हें खराब पोहा और उपमा परोस दिया गया. इससे यात्री भड़क गये और उन्होंने हंगामा शुरू कर दिया. यात्रियों की नाराजगी इस बात से थी कि उनके कोच सी-13 में चढ़ाया गया खाना, दूसरे कोच के यात्रियों को परोस दिया गया. बात यहीं नहीं रुकी, यात्रियों के द्वारा जब खाना परोसने की बात कही गई तो कैटरिंग कंपनी के कर्मचारियों ने ठीक से जवाब नहीं दिया.

जोर देने पर पैक्ड खान-पान सामग्री दी गई, जिसकी गुणवत्ता ठीक नहीं थी. इस पर विवाद बढ़ता चला गया. यह विवाद तकरीबन आधे घंटे तक चला. अंत में कैटरिंग कर्मचारियों ने रुपये वापस करने का भरोसा दिया जिसके बाद मामला शांत हुआ. हालांकि, ट्रेन अपने तय समय रात 10.10 बजे रानी कमलापति रेलवे स्टेशन पहुंच गई. बता दें कि, रानी कमलापति रेलवे स्टेशन से हजरत निजामुद्दीन के बीच बीते एक अप्रैल से वंदे भारत एक्सप्रेस की सेवा शुरू हुई है. यह मध्य प्रदेश से चलने वाली पहली वंदे भारत एक्सप्रेस है.


दिए गए खाद्य पदार्थ में नहीं थी गुणवत्ता
वंदे भारत ट्रेन के यात्रियों को पोहा व उपमा परोसा गया था, लेकिन उससे बदबू (गंध) आ रही थी. इसके कारण यह विवाद बढ़ता गया. जब पोहा व उपमा के पैकेट खोले गए तो कोच में अलग तरह की गंध फैल गई. सबसे अहम बात है कि वंदे भारत एक्सप्रेस में रेलवे ने यात्रियों के मुताबिक दिल्ली की आरके एसोसिएट्स एंड होटेलियर्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को खाने-पीने का जिम्मा दिया है कि वो यात्रियों को समय पर गुणवत्तायुक्त खाना परोसे.

यात्रियों के मुताबिक कंपनी के एक कर्मचारी ने कहा कि रेलवे ने ऐन वक्त पर दूसरे यात्रियों को टिकट बेच दिए, जिसके कारण उन्हें खाना परोसना पड़ा और वो खत्म हो गया. वहीं, दूसरे कर्मचारी का कहना था कि हमें ऊपर से निर्देश था कि कोच सी-13 में बाद में खाना परोसना, लेकिन यह नहीं बताया कि खाना कहां है. तीसरे कर्मचारी का कहना था कि खाना खत्म हो गया है इसलिए रिफंड करा देंगे.

मैनेजर ने नहीं दिया जवाब
जब मामला बढ़ा तो पूरे मामले में कंपनी के मैनेजर भीम सिंह से उनके मोबाइल नंबर पर संपर्क किया गया तो वो कॉल काटते रहे. अंत में उन्होंने माेबाइल बंद कर लिया, लेकिन इस संबंध में कोई जवाब नहीं दिया. यात्रियों के बताया कि कैटरिंग कंपनी के कर्मचारियों ने यात्रियों से उनके मोबाइल के क्यूआर कोड लिए हैं, जिन पर आनलाइन रिफंड कराने का भरोसा दिया है. यात्रियों ने यह बात मान ली है और रिफंड के लिए समय दिया है.

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