भोपाल न्यूज़ (Bhopal News)

गणेश चतुर्थी पर धनदायक होगी पाताल निवासी भद्रा

भोपाल। भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की गणेश चतुर्थी पर 22 अगस्त को पार्थिव गणेश की स्थापना होगी। इस बार गणेश चतुर्थी पर सुबह 9.30 से रात्रि 8 बजे तक भद्रा रहेगी। धर्मशास्त्रीय मान्यता में आमतौर पर भद्रा में कोई भी शुभ, मांगलिक कार्य नहीं किया जाता है। लेकिन चतुर्थी पर भद्रा की मौजूदगी में ही भगवान गणेश की स्थापना की जा सकती है। ज्योतिषियों के अनुसार भगवान गणेश का पूजन संकट निवारण के लिए किया जाता है, वे स्वयंसिद्ध मुहूर्त हैं। इनकी पूजा में भद्रा का दोष नहीं लगता है।
वैसे भी चतुर्थी पर आने वाली भद्रा पाताल निवासी है। पाताल में वास करने वाली भद्रा धनदायक होती है। इसलिए सूर्योदय से सूर्यातस्त के बीच कभी भी भगवान गणेश की स्थापना की जा सकती है। ज्योतिषाचार्य पंडित अमर डब्बावाला ने बताया अर्चाचन ग्रंथों के अनुसार भगवान गणेश प्रथम पूजनीय हैं। भगवान गणेश का पूजन संकट व विघ्नों को नाश करने के लिए किया जाता है। भगवान गणपति स्वयं मुहूर्त हैं। पूजा में मुहूर्त और चौघडिय़ा का विचार नहीं किया जाता। इसलिए 22 अगस्त को बहुला चतुर्थी पर किसी भी समय पार्थिव गणेश की स्थापना की जा सकती है।

पंचात के पांच अंगों का शुभ संयोग
भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी शनिवार के दिन हस्त नक्षत्र, साध्य योग, वाणिक करण तथा कन्या राशि के चंद्रमा की साक्षी में आ रही है। शास्त्रीय अभिमत अनुसार देखें तो कन्या राशि के चंद्रमा में आने वाली भद्रा का वास पाताल लोक में होता है। पाताल में वास करने वाली भद्रा पृथ्वी पर निवास करने वाले भक्तों के लिए शुभ व धन प्रदान करने वाली मानी गई है।

भद्रा में शुभ मांगलिक कार्य करने से लगता है दोष
धर्म शास्त्र में भद्रा को सूर्य देव की पुत्री और शनिदेव की बहन बताया गया है। भद्रा में शुभ मांगलिक कार्य करने से दोष लगता है। इसलिए विशेष तीज त्योहार पर जितने समय भद्रा होती है, देव कार्य नहीं किया जाता है। धर्मशास्त्र के जानकार शुभ, मांगलिक कार्य का पूर्णफल प्राप्त करने के लिए इसको त्यागने का परामर्श देते हैं।

Share:

Next Post

स्वच्छता सर्वेक्षण को लेकर निगम में बड़ा फेरबदल

Sun Aug 16 , 2020
भोपाल। राजधानी में स्वच्छता सर्वेक्षण 2021 को लेकर निगम प्रशासन ने अधिकारियों के दायित्वों में फेरबदल किया है। आदेश के मुताबिक स्वास्थ्य अधिकारी एसपी श्रीवास्तव को डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन, रोड स्वीपिंग, कचरा कलेक्शन में लगे वाहनों की मानीटरिंग, आईसीसीसी कंट्रोल रूम की व्यवस्था व स्वच्छता सर्वेक्षण संबंधित रिपोर्टों को संकलन की जिम्मेदारी दी गई है। […]