नई दिल्ली । भारत India में कोरोना के बढ़ते मामले (Corona rising cases) और उससे हो रही लगातार मौतों के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( Prime Minister Narendra Modi) ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (US President Joe Biden) से की फोन पर बात की. फोन पर बातचीत के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति (Prime Minister Modi, US President) से कोरोना संकट(Corona crisis), वैक्सीन के कच्चे माल की सप्लाई (Supply of vaccine raw materials) और दवाओं पर चर्चा (Discussion on drugs) की.
बातचीत के दौरान दोनों नेताओं ने अपने-अपने देशों में कोरोना की स्थिति पर चर्चा की, जिसमें भारत में कोरोना की दूसरी लहर को रोकने के लिए चल रहे टीकाकरण के प्रयासों में तेजी, महत्वपूर्ण दवाओं, चिकित्सा विज्ञान और स्वास्थ्य संबंधी उपकरणों की आपूर्ति सुनिश्चित करना भी शामिल था.
My discussion with @POTUS @JoeBiden also underscored the importance of smooth and efficient supply chains of vaccine raw materials and medicines. India-US healthcare partnership can address the global challenge of COVID-19.
— Narendra Modi (@narendramodi) April 26, 2021
राष्ट्रपति बिडेन ने भारत के साथ एकजुटता व्यक्त करते हुए भरोसा दिलाया कि वो संकट की इस घड़ी में भारत के साथ खड़ा है. साथ ही कहा कि अमेरिका भारत को वेंटिलेटर्स और दूसरे इक्विपमेंट्स भी देगा. इसके अलावा कोविशील्ड वैक्सीन के प्रोडक्शन के लिए कच्चे माल को भी जल्द से भारत को उपलब्ध कराया जाएगा.
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने ट्वीट करके कहा, “आज मैंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बातचीत की और कोरोना के खिलाफ लड़ाई में आपातकालीन सहायता व संसाधन प्रदान करने के लिए अमेरिका के पूर्ण समर्थन का वादा किया. भारत हमारे लिए खड़ा था और हम उनके लिए खड़ा रहेंगे.”
वहीं प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिका की ओर से भारत को मुहैया कराए जा रहे सहयोग के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाडेन का शुक्रिया अदा किया. प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति को वैक्सनी मैत्री के बारे में बताते हुए कहा कि कोवैक्स और क्वाड वैक्सीन इनिशिएटिव के जरिए भारत दूसरे देशों को भी कोरोना की वैक्सीन उपलब्ध करा रहा है.
अमेरिकी राष्ट्रपति से प्रधानमंत्री मोदी ने वैक्सीन और दवा बानने के लिए कच्चे माल की आपूर्ति सनिश्चित करने को कहा. बातचीत के दौरान दोनों नेताओं के बीच इस बारे में भी बात हुई कि दोनों देश कोरोना महामारी से निपटने और वैक्सीन डेवलपेंट के लिए कितने बड़े साझीदार साबित हो सकते हैं. इसके अलावा दोनों नेता इस बात पर भी राजी हुए कि आगे वो इसी तरह एक दूसरे के संपर्क में रहेंगे.
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