दिसपुर: असम पुलिस ने पिछले महीने ने एक शख्स को खूंखार डाकू बताकर एनकाउंटर में मार गिराया था. असल वो एक किसान था. CID ने अपनी जांच में पुष्टि की है कि मृतक डाकू केनाराम बोरो उर्फ केनाराम बसुमतारी नहीं, बल्कि एक दिंबेश्वर मुचाहारी था, मृतक के परिवार के अनुसार वह एक गरीब किसान था. वहीं पुलिस के दावों के अनुसार 40 वर्षीय डिंबेश्वर एक अपराधी था.
पुलिस के अनुसार 24 फरवरी को उदलगुड़ी में हुए एनकाउंटर बदमशों ने दो लोगों पर फायरिंग की थी, जिसके बाद पुलिस ने जवाबी कार्रवाई में एक कथित डकैत को मार गिराया गया था, वहीं उसका एक साथी फरार हो गया था. पुलिस ने एनकाउंटर के बाद दावा किया था कि केनराम मुठभेड़ में मार गिराया गया है.
उसके शव को परिजनों को सौंप दिया था, जिसके बाद उसका अंतिम संस्कार किया गया था.घटना के दूसरे दिन परिवार ने दावा किया था एनकाउंटर में मारा गया शख्स दिंबेश्वर था, केनराम नहीं, मामले को बढ़ता देख सीएम हिमंत बिस्वा ने CID जांच के आदेश दिए थे.
पुलिस एक अधिकारी ने मामले की जानकारी देते हुए बताया कि, शव को कब्र से निकाला गया और डीएनन जांच के लिए भेजा गया जिसमें खुलासा हुआ है कि शव मुचाहारी का है न कि बोरो का. अधिकारी ने कहा हम जांच की रिपोर्ट जल्द सरकार को सौंप देंगे. वहीं मुचहारी के परिजनों ने सरकार ने न्याय की गुहार लगाई है, उनका कहना है कि पुलिस ने उनके बेटे को डकैत समझकर हत्या कर दी. वहीं मृतक के भाई ने सरकार से मुआवाओ की मांग की है.
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