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राजस्थान के डूंगरपुर में पुलिस फायरिंग


एक युवक की मौत, हालात बेकाबू, उग्र प्रदर्शनकारियों ने कई वाहन फूंके, लूटपाट, तोडफ़ोड़, तनाव, भारी फोर्स तैनात
जयपुर। राजस्थान के डूंगरपुर में शिक्षक भर्ती में एसटी वर्ग के लोगों को ही लेने की मांग को लेकर चल रहा धरना इस कदर हिंसक हुआ कि रात को आंदोलनकारियों ने पूरे खेरवाड़ा इलाके को घेर लिया और कई होटल और मकानों में आग लगा दी। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को गोली चलाना पड़ी, जिसमें 17 साल के तरुण अहारी नामक एक व्यक्ति की मौत हो गई, जबकि करीब 5 लोग घायल हो गए। आदिवासी आंदोलनकारियों ने 20 किलोमीटर से ज्यादा बड़ा इलाका अपने कब्जे में ले लिया है, जहां पर वो लूटपाट, आगजनी और तोडफ़ोड़ कर रहे हैं।
56 घंटों से मार्ग बंद… मुख्यमंत्री ने केन्द्र से फोर्स मांगी
आंदोलनकारियों ने राजमार्ग पर कब्जा कर रखा है, इस कारण पिछले 56 घंटों से उदयपुर-अहमदाबाद हाईवे बंद है। प्रदर्शनकारियों ने 30 से अधिक वाहनों को आग लगाकर फूंक दिया। हालात बेकाबू होते देख मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केंद्र से एक्शन फोर्स मांगी है। वहीं जयपुर से पुलिस के तीन बड़े अफसर भी भेजे गए हैं, ताकि स्थिति का आकलन कर नियंत्रण किया जा सके।
यह है मामला
12 अप्रैल 2018 को आदिवासी क्षेत्र के लिए 5431 पदों पर शिक्षकों की भर्ती निकली थी। इसमें एसटी को 45 प्रतिशत, एससी को 5 फीसदी और सामान्य वर्ग को 50 फीसदी आरक्षण है। इस भर्ती में सामान्य वर्ग के लिए 2721 पद थे। नियम के अनुसार एससी और एसटी के छात्र 36 पर्सेंट नंबर लाकर पास कर सकते हैं, मगर सामान्य वर्ग के छात्रों को 60 फीसदी नंबर लाना जरूरी है। ऐसे में सामान्य वर्ग से 1554 पदों पर ही छात्र 60 प्रतिशत नंबर लाए और 1167 पद खाली रह गए। अब आदिवासी परीक्षार्थियों का कहना है कि बाकी रह गए 1167 पदों पर भी 36 प्रतिशत नंबर लाने वाले आदिवासियों की भर्ती दी जाए।

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