पोर्नोग्राफी मामले में गिरफ्तार शिल्पा शेट्टी (Shilpa Shetty) के पति राज कुंद्रा की जमानत अर्जी कोर्ट ने बुधवार को खारिज कर दी। इधर, राज कुंद्रा कहीं विदेश भागकर न चले जाएं इसकी वजह से उनका पासपोर्ट क्राइम ब्रांच ने अप्रैल महीने में ही जब्त कर लिया था। क्राइम ब्रांच (crime branch) की जांच में जैसा ही उनका नाम सामने आया था, वैसे ही पुलिस ने कुंद्रा का पासपोर्ट जब्त कर लिया था।
राज कुंद्रा की जमानत पर सुनवाई के दौरान क्या-क्या हुआ
पोर्न मामले में गिरफ़्तार राज कुंद्रा(Raj Kundra) और उसका सहयोगी रायन थॉर्प की ज़मानत अर्ज़ी पर सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष के वकील यानी की राज कुंद्रा के वकील आबाद पोंडा ने कोर्ट में कहा-
इस मामले में क्राइम ब्रांच ने चार्जशीट कोर्ट में फ़ाइल कर दिया है। इन दोनों आरोपियों के अलावा इस मामले में पहले से गिरफ़्तार 9 आरोपी ज़मानत पर बाहर हैं। इस मामले में पहले से गिरफ़्तार पहले के आरोपियों में राज और रायन से भी ज़्यादा गंभीर आरोप हैं। राज और रायन को जिन धाराओं के तहत गिरफ़्तार किया है उन सभी धाराओं में 7 साल से ज़्यादा की सजा नहीं है। राज कुंद्रा के लिए कहा कि इनका परिवार है जो की मुंबई में रहता है, इस वजह से हम यह नहीं कह सकते की वो जाँच के दौरान उपलब्ध नहीं रहेगा। आरोप में आजीवन कारावास(life imprisonment) या सजाए मौत जैसी सजा ना हो, ऐसे में ज़मानत दी जाती है।
आबाद पोंडा ने कोर्ट को दूसरे मामलों के जजमेंट दिखाए, जिसने कहा की ज़मानत अपने आप में सजा नहीं हो सकती। पुलिस का मक़सद सिर्फ़ यही होना चाहिए की आरोपी जांच के लिए बुलाने पर उपलब्ध रहे। पुलिस ने कहा कि राज कुंद्रा अगर बाहर आए तो वह सबूतों के साथ छेड़छाड़ कर सकते हैं पर यह तो हर किसी के लिए लागू होता है जो ज़मानत पर बाहर है। अन्य अदालतों के पिछले फैसलों में कहा गया है कि अगर पुलिस सबूतों से छेड़छाड़ की संभावना के बारे में बात करती है, तो यह पुलिस की खराब स्थिति को दर्शाता है। पुलिस कहती है कुंद्रा ब्रिटिश नागरिक है और वो भाग सकते हैं, उनके पास पहले से ही कुंद्रा का पासपोर्ट(Passport) है।
इस मामले में जांच अधिकारी ने कोर्ट में कहा-
हमारे सामने एक और विक्टिम आयी है जिसने इस मामले में अपना बयान दर्ज करवाकर एफ़आईआर दर्ज कराई है। इस मामले में कई और आरोपी सामने आ रहे हैं। आरोपी इस मामले में दूसरे संभावित आरोपियों को भगाने में मदद कर सकता है। इस मामले से जुड़ा फाइनेंशियल ऑडिट (financial audit) करना अभी बाक़ी है। आरोपी इस मामले में दूसरे गवाहों को प्रभावित कर सकता है। रायन थॉर्प एक आइटी एक्सपर्ट है और यह एलेक्ट्रोनिक साक्ष्य को नष्ट कर सकता है।
पब्लिक परोसिक्यूटर ने कोर्ट में कहा-
आरोपी बहुत गंभीर और प्रभावशाली हैं
और भी पीड़ित आगे आने वाले हैं वो उन्हें प्रभावित कर सकते हैं
बचाव पक्ष ने कहा-
हमारा आरोपी टेररिस्ट है क्या ?
अब तक ऐसी कोई शिकायत या सबूत नहीं मिले हैं जिसमें यह बात सामने आए की आरोपी ने सबूत को प्रभावित करने की कोशिश की है।
पब्लिक परोसिक्यूटर
इस मामले में इलेक्ट्रोनिक एविडेंस मिटाए गए हैं इसी वजह से हमने आइपीसी की धारा 201 को जोड़ा है।
आबाद पोंडा ने कोर्ट को कहा आइपीसी की धारा 201 जमानती है।
सबको सुनने के बाद कोर्ट ने राज कुंद्रा और रायन थॉर्प की ज़मानत अर्ज़ी ख़ारिज कर दी।