विकास में सहयोग करने के बहाने किसी देश को घुटने टेकने पर मजबूर नहीं करता है भारत
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नाम लिए बिना चीन पर जर्बदस्त प्रहार किया है। उन्होंने भारत की मदद से तैयार मॉरिशस सुप्रीम कोर्ट बिल्डिंग के उद्घाटन भाषण में कहा कि भारत वो देश नहीं जो विकास परियोजनाओं के बहाने पड़ोसियों को जाल में फांसता है और फिर उसे घुटने टेकने पर मजबूर करता है। पीएम ने कहा, ‘इतिहास ने हमें सबक दिया है विकास भागीदारियों के नाम पर कई देशों को निर्भरता भागीदारियों के लिए मजबूर किया गया। इससे औपनेविशिक और साम्राज्यवादी शासन का आरंभ हुआ। इसने वैश्विकत ताकतों के अलग-अलग ब्लॉक बने।
प्रधानमंत्री ने भारत की पड़ोसियों के साथ-साथ दुनिया के अन्य देशों के साथ विकास भागीदारी के पीछे की भावना भी समझाई। उन्होंने अफगानिस्तान से लेकर नाइजीरिया तक का उदाहरण दिया और कहा कि भारत देशों की संप्रभुता, वैश्विक विविधता का सम्मान करता है। मोदी ने कहा, भारत की डिवेलपमेंट पार्टनरशिप के केंद्र में सम्मान, विविधता, भविष्य का ख्याल और टिकाऊ विकास होता है। उन्होंने कहा, ‘विकास में सहयोग के पीछे भारत के लिए सबसे बड़ा मौलिक सिद्धांत है- दूसरे पार्टनर्स का सम्मान करना। यही हमारी प्रेरणा है। यही कारण है कि हम किसी देश में विकास परियोजानओं के लिए कोई शर्त नहीं रखते।
History has taught us that in the name of development partnerships, nations were forced into dependence partnerships.
It gave rise to colonial and imperial rule.
It gave rise to global power blocks: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) July 30, 2020
मोदी ने भारत की मदद से तैयार मॉरिशस के सुप्रीम कोर्ट की नई बिल्डिंग को दोनों देशों के बीच विशेष मित्रता को दर्शता है। इसके उद्घाटन के मौके पर पीएम ने कहा, भारत और मॉरिशस के बीच विशेष मित्रता ने एक और मंजिल तय की है। पोर्ट लुई में सुप्रीम कोर्ट का नया भवन दोनों देशों के आपसी सहयोग और मूल्यों की निशानी है। पीएम ने कहा कि कुछ महीने पहले ही मलेशिया में भारत की मदद वाले मेट्रो प्रॉजेक्ट और एक अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस अस्पताल का संयुक्त उद्घाटन किया गया था। पीएम ने कहा, मुझे यह जानकर खुशी होती है कि दोनों परियोजनाएं मॉरिशस के लोगों के लिए उपयोगी साबित हुई हैं। उन्होंने कहा कि मॉरिशस ने कोविड- 19 महामारी के खिलाफ प्रभावी कदम उठाया जिसमें भारत सहायता पहुंचाकर खुशी महसूस कर रहा है।
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