भोपाल न्यूज़ (Bhopal News)

निजी स्कूल संचालकों ने शासन से आर्थिक मदद की मांग की

भोपाल। मध्यप्रदेश प्रांतीय अशासकीय शिक्षण संस्था की ओर से 21 दिसंबर को शांति मार्च निकाली जाएगी। मध्यप्रदेश प्रांतीय अशासकीय शिक्षण संस्था संघ ने मांग उठाई है। पिछले साढ़े आठ महीने से निजी स्कूलों के बंद रहने से इन स्कूलों के संचालकों के साथ स्कूलों से जुड़े कर्मचारियों की स्थिति भी बेहद खराब हो गई है। मध्यप्रदेश प्रांतीय अशासकीय शिक्षण संस्था संघ ने पत्रकार वार्ता में बताया कि स्कूलों की बिगड़ती व्यवस्था का मुद्दा उठाकर, सरकार से जल्द स्कूल खोलने, हाईकोर्ट के आदेश के अनुसार शिक्षण शुल्क जमा करने के आदेश निकालने एवं बिजली बिल, स्कूलों बसों के बीमा परमिट की फीस से राहत दिलाने की मांग की है। संघ के प्रदेश प्रवक्ता ज्ञानेंद्र दुबे ने कहा कि 21 दिसंबर को बोर्ड ऑफिस चौराहे से सीएम हाउस तक शांति मार्च करेंगे। निजी स्कूल संचालकों ने बताया कि स्कूलों में संलग्न बसें आठ महीनों से खड़ी हुई है, अधिकांश बसें लोन पर हैं, इनकी किस्त स्कूल संचालकों को देनी पड़ रही है।
इतना ही नहीं इन बसों के बीमे से लेकर परमिट तक की राशि स्कूल संचालकों को चुकानी पड़ रही है। इसे शासन को माफ करना चाहिए। संस्थाएं बंद हैं कक्षाएं नहीं लगी है, लेकिन बिजली के बिल उतने ही आ रहे हैं, जितने लॉकडाउन के पहले आ रहे थे। सरकार निजी स्कूलों को बिल्कुल सहारा नहीं दे रही है, ऐसे में निजी स्कूलों के साथ इनके कर्मचारी, बसों के ड्राइवर, कंडक्टर से लेकर अन्य ठेका कर्मी तक की आर्थिक स्थिति चरमरा चुकी है। सरकार को एहतियात के साथ स्कूल खोलने के कदम उठाने के साथ कोर्ट के निर्देश के अनुसार शिक्षक शुल्क जमा करवाने का आदेश जारी करना चाहिए। शासन को निजी स्कूलों को आर्थिक मदद करनी चाहिए।

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