पंजाब । पंजाब (Punjab) के मंत्री राणा गुरजीत सिंह (Rana Gurjeet Singh) ने रविवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) को पत्र लिखकर सुखपाल सिंह खैरा (Sukhpal Singh Khaira) को पार्टी से निष्कासित करने की मांग की. मंत्री राणा गुरजीत सिंह ने मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में पिछले साल सुखपाल सिंह खैरा के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय की कार्रवाई का मुद्दा उठाया. राज्य विधानसभा चुनाव के लिए एक महीने से भी कम का समय बचा है और इस बीच कपूरथला क्षेत्र के कुछ कांग्रेस नेताओं के बीच कड़वी प्रतिद्वंद्विता सामने आई है. ईडी ने पिछले साल भोलाथ से कांग्रेस के उम्मीदवार सुखपाल सिंह खैरा को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत गिरफ्तार किया था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि वो मामले में दोषियों और फर्जी पासपोर्ट गिरोह का सहयोगी था.
राणा गुरजीत का ये कदम खैरा, नवतेज सिंह चीमा और पंजाब कांग्रेस के दो अन्य नेताओं की ओर से सोनिया गांधी को एक पत्र लिखने के कुछ दिनों बाद आया है. पत्र में कांग्रेस नेताओं ने मंत्री राणा गुरजीत सिंह को पार्टी से निष्कासन की मांग करते हुए आरोप लगाया था कि वो विधानसभा चुनावों से पहले पार्टी को कमजोर कर रहे हैं. मंत्री राणा गुरजीत सिंह ने अपने बेटे राणा इंदर प्रताप सिंह के लिए आक्रामक चुनाव अभियान शुरू किया है, जो सत्तारूढ़ कांग्रेस के उम्मीदवार नवतेज सिंह चीमा के खिलाफ सुल्तानपुर लोधी से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में विधानसभा का चुनाव लड़ रहे हैं.
राणा गुरजीत सिंह के बेटे को टिकट नहीं देने पर कांग्रेस ने कहा कि एक परिवार के एक से ज्यादा सदस्य को चुनावी मैदान में नहीं उतारा जा सकता. बेटे राणा इंदर का कहना है कि मतदाता मौजूदा विधायक नवतेज सिंह चीमा से अब तंग आ चुके हैं. राणा ने कहा कि वो जरूरतमंद लोगों के लिए हैं, क्योंकि लोगों ने उनसे क्षेत्र में मौजूद मनमानी, दमन, भ्रष्टाचार और नशीली दवाओं की समस्या को लेकर शिकायत की है.
मनी लॉन्ड्रिंग मामले में फिलहाल जेल में है सुखपाल सिंह खैरा
कपूरथला निर्वाचन क्षेत्र से कांग्रेस की ओर से चुनाव मैदान में उतारे गए राणा गुरजीत सिंह ने कहा कि सुखपाल सिंह खैरा मनी लॉन्ड्रिंग मामले में फिलहाल जेल में है. साथ ही पत्र में कहा कि ये बेहिसाब धन या मनी लॉन्ड्रिंग का मामला नहीं है. ये नशीली दवाओं के धन से संबंधित है, जो अस्वीकार्य और अक्षम्य है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस हमेशा ड्रग्स के खिलाफ रही है. राहुल गांधी ने पंजाब में ड्रग्स की गंभीर समस्या का जिक्र करते हुए 2015 में इस मुद्दे को उठाया था. उन्होंने सवाल किया कि हमारी पार्टी किसी ऐसे व्यक्ति को टिकट कैसे दे सकती है जो दागी है.