जालंधर: विदेश में अपने सपने साकार करने और अधिक रुपए कमाने की लालसा से जाने वाले लोगों के साथ कैसे धोखाधड़ी होती है, इसका जीता जागता उदाहरण पंजाब के जालंधर में सामने आया है. दरअसल यहां रहने वाले गुरप्रीत सिंह को एक ट्रैवल एजेंट ने अपने जाल में फंसाकर इटली के नाम पर लीबिया पहुंचा दिया था. गुरप्रीत ने वहां पर लीबिया और पाकिस्तानी माफिया से जैसे-तैसे अपनी जान बचाई और वहां से घर पहुंचे हैं.
लीबिया के माफिया से बचकर वापस अपने घर पहुंचे गुरप्रीत सिंह ने बताया कि उसके एक दोस्त ने उसे इटली में अच्छा काम दिलाने की बात कह कर लीबिया भेज दिया था. अमृतसर के एजेंट के जरिए लीबिया पहुंचे गुरप्रीत ने बताया कि 13 लाख रुपये देकर उसे वहां बंधुआ मजदूर बना लिया गया. गुरप्रीत की माने तो लीबिया में पाकिस्तान और लीबिया के लोग मिलकर गिरोह चला रहे हैं, जो भारत से आए युवाओं को बंधक बना लेते हैं. वह उनसे कई तरह के काम करवाते हैं बाद में उन्हें छोड़ने के एवज में पैसों की डिमांड करते हैं. वह उनसे और पैसे मंगवाते हैं और छोड़ते भी नहीं है.
गुरप्रीत ने बताया कि लीबिया में काम करने वाले माफिया उनसे दिहाड़ी का काम करवाते थे. गुरप्रीत ने आपबीती सुनाते हुए कहा कि अगर कोई काम करने से इनकार कर दे तो उसके साथ मारपीट भी की जाती थी. हरियाणा का युवक विक्रम सिंह सनी उसने वहां से एंबेसी को कॉन्टैक्ट किया इसके बाद पुलिस ने उनको पकड़ कर जेल भेज दिया. विक्रम के प्रयासों की वजह से गुरप्रीत समेत 17 भारतीयों को लीबिया के माफिया से छुटकारा मिला है. उन सब की घर वापसी हुई है.
गुरप्रीत ने बताया कि एजेंट के बहकावे में आकर युवा विदेश में ज्यादा रुपये कमाने के लिए चले तो जाते हैं, लेकिन वहां पाकिस्तान और लीबिया के लोग माफिया चला रहे हैं और वह माफिया के लोग भारत से पहुंचे लोगों को बंधक बनाकर दूसरी जगह भेज देते हैं. इसके बाद उनको बहुत मारा-पीटा जाता था. गुरप्रीत ने अपनी आपबीती सुनाते हुए पंजाब के युवाओं से अपील की है कि वह ट्रैवल एजेंट के बहकावे में ना आए और डोंकी का सहारा लेकर बाहर जाने का सपना न देखे.
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