इंदौर। सिविल डिफेंस मॉकड्रिल के तहत आज शाम को 7.30 बजे इंदौर शहर में बीएसएनएल के 12 टावर पर लगे 12 सायरन एक साथ बजेंगे। इन सायरन के बजने के साथ ही पूरे शहर में 12 मिनट का अंधेरा होगा। इस ब्लैकआउट के लिए इंदौर नगर निगम ने कल रातोरात 12 सायरन खरीदे हैं। ब्लैकआउट के लिए बिजली कंपनी लाइट बंद करेगी या नागरिकों को खुद अपनी लाइट के स्विच बंद करना होंगे, इसका फैसला आज दोपहर में होगा। चौपन साल के लंबे अंतराल के बाद आज सिविल डिफेंस मॉकड्रिल होने जा रही है। वर्तमान में मौजूद नागरिकों में से 95 फीसदी आबादी ने आज तक कभी इस तरह की मॉकड्रिल नहीं देखी और जो अधिकारी इस मॉकड्रिल को अंजाम दे रहे हैं उन्होंने भी अपने कॅरियर में इससे पहले कभी इस तरह की कार्रवाई को अंजाम नहीं दिया।
कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया कि आज शाम 7.30 बजे एक साथ इंदौर शहर में 12 स्थानों पर सायरन बजेंगे। एक स्थान पर बजने वाला सायरन 3 किलोमीटर के क्षेत्र को कवर करेगा। इसका आशय यह है कि 3 किलोमीटर तक के क्षेत्र में इस सायरन की आवाज सुनाई देगी। यह सायरन बीएसएनएल के टावर पर लगाए जा रहे हैं। ठीक 7.30 बजे 2 मिनट तक सायरन बजेगा। यह सायरन इस बात का संदेश देगा कि ब्लैकआउट चालू हो गया है, सारी लाइट बंद कर दो। यह ब्लैकआउट 12 मिनट तक चलेगा। जैसे ही ब्लैकआउट का समय समाप्त होगा वैसे ही फिर से एक बार सायरन बजेगा। इस बार सायरन थोड़ा सा लंबा बजेगा। इससे यह संदेश मिलेगा कि अब ब्लैकआउट का समय पूरा हो गया है, लाइट चालू कर लीजिए। जब उनसे पूछा गया कि इस ब्लैकआउट के लिए क्या नागरिकों को खुद लाइट बंद करना है या बिजली कंपनी द्वारा 12 मिनट के लिए पूरे शहर में शटडाउन कर दिया जाएगा तो उन्होंने जवाब दिया कि इस बारे में अभी विचार किया जा रहा है। आज दोपहर तक यह फाइनल कर लिया जाएगा कि ब्लैकआउट में नागरिकों और बिजली कंपनी को क्या जिम्मेदारी निभाना है?
तो पर्दा डाल देना…
उन्होंने कहा कि यदि बिजली कंपनी द्वारा ब्लैकआउट करते हुए शटडाउन कर दिया जाता है तो ऐसी स्थिति में बहुत सारे नागरिकों के घर या दुकान अथवा कार्यालय में इन्वर्टर या जनरेटर लगा हुआ होता है। लाइट जाने पर यह ऑटोमेटिकली काम करना शुरू कर देता है। ऐसे में संबंधित लोगों की यह जिम्मेदारी रहेगी कि यदि उनका इन्वर्टर या जनरेटर भी चालू हो रहा है तो उस स्थान से बाहर की तरफ प्रकाश नहीं जाए, इसके लिए मोटे पर्दे लगाना होंगे, ताकि वह पर्दा प्रकाश को पूरी तरह से रोक ले।
गाडिय़ों की लाइट बंद करना होगी
इस ब्लैकआउट की अवधि में जो लोग उस समय पर गाड़ी चला रहे होंगे तो उन लोगों को अपनी गाड़ी की हेडलाइट बंद करना होगी। किसी भी तरह से किसी भी गाड़ी में से भी कोई प्रकाश बाहर नहीं आना चाहिए। इसी तरह से उस समय पर जो दुकान चालू होगी वहां पर भी पूरा अंधेरा होना चाहिए। इस अवधि में अस्पताल में कोई काम नहीं रोका जाएगा, लेकिन अस्पताल में से भी लाइट की रोशनी भवन के बाहर नहीं आना चाहिए। यह सुनिश्चित करने के लिए सभी अस्पताल संचालक, मॉल संचालक की बैठक आज दोपहर में बुलाई गई है। मॉल में भी इस मौके पर पूरी तरह से अंधेरा रहेगा।
खराब हो गए सायरन
इंदौर में पूर्व से नागरिकों को अलर्ट करने के लिए लगाए गए सायरन अब बहुत दिनों से उपयोग नहीं किए जाने के कारण खराब हो गए हैं। कल जब ब्लैकआउट का संदेश आया, तब इन सायरन की स्थिति को चेक कराया गया तो यह स्पष्ट हुआ कि अब यह सायरन नहीं बज सकेंगे। ऐसे में इंदौर नगर निगम को तत्काल नए सायरन खरीदने की जिम्मेदारी सौंपी गई। निगम की टीम द्वारा रातोरात 12 नए सायरन खरीदे गए। यह सायरन आज सुबह 7 बजे बीएसएनएल के नेहरू पार्क के कार्यालय पर पहुंचाए गए। वहां से इस सायरन को अलग-अलग स्थान पर लगाने का काम शुरू हुआ है। यह काम दोपहर में 2 तक पूरा होगा।
गांव में नहीं बजेगा कोई सायरन
एक प्रश्न के उत्तर में कलेक्टर ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्र में ब्लैकआउट के लिए लोगों को अलर्ट करने के मकसद से कोई सायरन नहीं बजाया जाएगा। अभी पूरे ग्रामीण क्षेत्र में सायरन बज सके ऐसी व्यवस्था नहीं हो सकी है। ऐसे में ग्रामीण क्षेत्र के अधिकारियों और साथ में सरपंच, पंच और पंचायत सचिव के माध्यम से लोगों को इस ब्लैकआउट की जानकारी भेज दी गई है। अब समय होने पर लोगों द्वारा स्वयं ही जागरूकता का परिचय देते हुए ब्लैकआउट कर लिया जाएगा।
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