ज्योतिष शास्त्रियों के अनुसार 27 नक्षत्रों में पुष्य नक्षत्र आठवां नक्षत्र होता है। इसका प्रतिनिधि शनि होने के कारण इसमें किए गए काम शुभ होते हैं। पुष्य नक्षत्र का उप स्वामी बृहस्पति होता है। इस बार नक्षत्र के स्वामी अपनी अपनी राशि में उपस्थित रहेंगे। मकर राशि में शनि तथा धनु राशि में बृहस्पति अपनी अपनी राशि में रहकर जो संयोग बना रहे हैं, उसे दुर्लभ माना जाता है। (हि.स.)।
पुष्य नक्षत्र आज से, 24 घंटे और 42 मिनट रहेगा प्रभावी
ज्योतिष शास्त्रियों के अनुसार 27 नक्षत्रों में पुष्य नक्षत्र आठवां नक्षत्र होता है। इसका प्रतिनिधि शनि होने के कारण इसमें किए गए काम शुभ होते हैं। पुष्य नक्षत्र का उप स्वामी बृहस्पति होता है। इस बार नक्षत्र के स्वामी अपनी अपनी राशि में उपस्थित रहेंगे। मकर राशि में शनि तथा धनु राशि में बृहस्पति अपनी अपनी राशि में रहकर जो संयोग बना रहे हैं, उसे दुर्लभ माना जाता है। (हि.स.)।