भोपाल न्यूज़ (Bhopal News)

नए कृषि कानून के तहत गठित होगा सुलह बोर्ड

  • किसानों से माल लेकर पैसा नहीं लौटाने वाले व्यापारियों पर होगी कार्रवाई

भोपाल। कृषि कानूनों के विरोध में जारी किसान आंदोलन के बीच मप्र सरकार की कोशिश है कि प्रदेश में किसी तरह का किसान आंदोलन न पनपे। इस वजह स ेफिलहाल किसान अब सरकार की प्राथमिकता में है। किसानों से जुड़े हर मामलों में त्वरित सुनवाई हो रही है। इसी के तहत सरकार किसानों और राइस मिल के बीच भुगतान को लेकर होने वाले विवादों का निराकरण करने के लिए सुलह बोर्ड का गठन करने जा रही है। जिसमें तहसीलदार,एसडीओ कृषि के साथ किसान व राइस मिल संचालक सदस्य रहेंगे। यह बोर्ड नए कृषि कानून के तहत बनाया जा रहा है। इससे पहले एसडीएम किसानों की शिकायत पर मुकदमा दर्ज करेंगे। नए कानून के तहत बालाघाट एसडीएम ने लांजी के किसानों की शिकायत पर पलक राइस मिल के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया है। नए कानून के तहत यह दूसरा मामला है जिसमें राइस मिल संचालक के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। इससे पहले होशंगाबाद के किसानों की धान खरीदने का एग्रीमेंट करने के बावजूद दिल्ली की एक कंपनी ने हाथ पीछे खींच लिए थे। जब सरकार एक्शन में आई तो कंपनी, किसानों से धान खरीदने राजी हो गई थी। ऐसे मामलों का निराकरण करने के लिए अब सरकार सुलह बोर्ड गठित कर रही है।

अभी तक नहीं होती थी कार्रवाई
किसान उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) अधिनियम 2020 की धारा 8 के तहत सुलह बोर्ड का गठन किया जा रहा है। दरअसल बालाघाट जिले के लांजी के किसानों से ग्राम घोटी स्थित पलक राइस मिल द्वारा धान की फसल खरीदी थी, लेकिन इसका भुगतान नहीं किया गया। इसको लेकर बालाघाट एसपी को शिकायत दी थी। रविवार को यह मामला मुख्यमंत्री कार्यालय के संज्ञान में आया। इसके बाद एसडीएम लांजी ने किसानों की शिकायत पर कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य संवर्धन और सरलीकरण अधिनियम 2020 की धारा 8 के तहत पलक राइस मील के प्रोपराइटर अतुल आसटकर प्रकरण दर्ज किया।

कांट्रैक्ट फार्मिंग के तहत कार्रवाई जारी रहेगी
होशंगाबाद जिले के पिपरिया में कांट्रैक्ट फार्मिंग को लेकर नए कानूनों के तहत किसानों को न्याय दिलाने के लिए हुए एक्शन के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि कांट्रैक्ट फार्मिंग के तहत की गई कार्रवाई साबित करती है कि नए कृषि कानून किसानों के हित में हैं। दरअसल, पिपरिया में फाच्र्यून राइस कंपनी ने किसानों से अनुबंध के बाद भी धान की खरीद नहीं की। इसको लेकर कांग्रेस के पूर्व जिलाध्यक्ष पुष्पराज पटेल के नेतृत्व में किसान अधिकारियों से मिले। इसके बाद कंपनी किसानों को कांट्रैक्ट के तहत भुगतान करने को राजी हुई।

Share:

Next Post

कृषि विधेयक को लेकर फैलाये जा रहे झूठ को बेनकाब करें: वीडी शर्मा

Mon Dec 14 , 2020
भोपाल। मोदी सरकार खेती को लाभ का धंधा बनाने के लिए तीन विधेयकों को लेकर आई है, लेकिन कांग्रेस किसान बिल को लेकर किसानों को भ्रमित करने का कुत्सित प्रयास कर रही है। किसानों और जनता तक कृषि विधेयक की सच्चाई पहुंचाने में पार्टी के मीडिया एवं सोशल मीडिया प्रभारियों की अहम भूमिका है। सरकार […]