भोपाल। मध्यप्रदेश में रजिस्ट्रेशन के बाद भी ऐसी कंपनियां काम कर रही हैं जिन्होंने अपना व्यापार प्रमाण-पत्र प्रस्तुत नहीं किया है। प्रदेश की ऐसी 1000 कंपनियों पर अब रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज (आरओसी) की गाज गिरने वाली है। ऐसी सभी कंपनियां जिन्होंने रजिस्ट्रेशन के बाद भी अपने व्यापार का प्रमाण-पत्र प्रस्तुत नहीं किया है, उन्हें आरओसी पूरी तरह से बंद कर देगी। कंपनी कानून की धारा 252 के अंतर्गत कंपनियों को बैलेंस शीट, वार्षिक वित्तीय विवरण सहित अपने व्यापार का प्रमाण-पत्र भी देना होता है। इससे पूर्व बैलेंस शीट और वार्षिक वित्तीय विवरण प्रस्तुत नहीं करने वालीं प्रदेश भर की 1003 कंपनियों का स्ट्राइक ऑफ किया जा चुका है। इसी कड़ी में अब व्यापार प्रमाण-पत्र नहीं देने वाली कंपनियों की बारी है। आरओसी की ओर से लिए जाने वाले एक्शन में ऐसी सभी कंपनियों को नोटिस जारी करना प्रारंभ कर दिया गया है। ये सभी नोटिस कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय के सचिव राजेश वर्मा आइएएस और डायरेक्टर जनरल कॉरपोरेट अफेयर्स एसएस जुनेजा की ओर से दिए गए दिशा-निर्देशों के बाद दिए गए हैं। हाल ही में हुई समीक्षा बैठक में इस संबंध निर्णय लिए गए थे।
यह भी है खास: समाज सेवा की आड़ में व्यापार कर लाभ कमाने वाली एनबीएफसी कंपनियां भी रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज (आरओसी) के राडार पर हैं। कंपनी कानून की धारा 8 के अंतर्गत ऐसी कंपनियां धर्मार्थ बनाई जाती हैं। इस तरह की कंपनियां शिक्षा, समाजसेवा, खेलकूद आदि के लिए बनवाया जाता हैं और इनकी आड़ में कुछ लोग गलत काम करते हैं। इन पर लगाम लगाने ऐसी सभी कंपनियों की जांच करने के बाद एक्शन लिया जाएगा। ऐसी करीब 100 से अधिक कंपनियां इसमें शामिल होंगी।
इनका कहना है
कंपनियों को रजिस्ट्रेशन के बाद अपना व्यापार प्रमाण-पत्र देना होता है। प्रदेश की ऐसी 1000 कंपनियों ने प्रमाण-पत्र प्रस्तुत नहीं किए हैं। ऐसी सभी कंपनियों को बंद किया जाएगा। इसके लिए नोटिस जारी करना शुरू कर दिया है। इसके साथ ही समाज सेवा की आड़ में व्यापार कर लाभ कमाने वाली कंपनियां भी हमारे राडार पर है।
मुकेश कुमार सोनी, उप कंपनी रजिस्ट्रार, मप्र
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