भोपाल न्यूज़ (Bhopal News)

एक मंडल अध्यक्ष को हटाया, दूसरे को नोटिस

  • भाजपाईयों ने भी सुनी थी महिला नेत्री के साथ दूरभाष पर हुई चर्चा

भोपाल। भारतीय जनता पार्टी की भोपाल इकाई में इन दिनों सबकुछ ठीकठाक नहीं चल रहा है। यही वजह है कि पार्टी लाइन से हटकर नेता नियुक्तियां कर रहे हैं। ताजा मामला अरेरा मंडल के अध्ण्क्ष रहे मुकुल लोखंडे को बाहर का रास्ता दिखाने को लेकर है। लोखंडे को हटाने की पीछे की वजह बताई जा रही है कि उन्होंने महिला नेत्री को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की है। कार्रवाई के बाद भाजपाईयों का दावा है कि महिला नेत्री और लोखंडे की के बीच की बातचीत नगर निगम की वरिष्ठ महिला नेत्री समेत अन्य नेताओं ने सुनी थी।

लोखंडे पर कार्रवाई के बाद सभी ने चुप्पी साध ली है। गुरुवार को प्रदेश महामंत्री भगवानदास सबनानी ने अरेरा मंडल अध्यक्ष लोखंडे को पद से हटाने का लेटर जारी किया। लेटर में बताया गया कि लोकंडे द्वारा पार्टी के प्रदेश पदाधिकारी के संदर्भ में आपत्तिजनक टिप्पणी की है, जो कि अनुशासनहीनता के दायरे में आती है। इसलिए प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा के निर्देशानुसार लोखंडे को तत्काल मंडल अध्यक्ष पद से मुक्त किया जाता है। इस कार्रवाई के बाद भोपाल भाजपा में अंदखाने जबर्दस्त सियासी मालौल गर्माया हुआ है। बताया गया कि जब वरिष्ठ नेत्री सीमा सिंह का लोखंडे के पास फोन आया था, तब उन्होंने फोन खराब होने की वजह से हैंडफ्री करके बात की। महिला नेत्री ने उन्हें कार्यक्रमों में नहीं बुलाने पर नाराजगी जताई।


पूरी चर्चा को नगर निगम की वरिष्ठ महिला पदाधिकारी समेत अन्य नेताओं ने भी सुना था। इसके अगले दिन लोखंडे ने प्रदेश उपाध्यक्ष सीमा सिंह को टैग करते हुए फेसबुक पोस्ट कर दिया था। जिसके आधार पर पार्टी ने आनन-फानन में उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया है। इस कार्रवाई पर प्रदेश कांगे्रस प्रवक्ता संगीता शर्मा ने ट्वीट कर चुटकी ली है। साथ ही लिखा कि इससे पूर्व भी पत्नी के साथ मारपीट करने पर केस दर्ज हो चुका है। तब भाजपा संगठन ने क्या कार्रवाई की।

जिलाध्यक्ष से बिना पूछे नियुक्ति
भाजपा भाजपा जिलाध्यक्ष सुमित पचौरी ने महाराणा प्रताप मंडल अध्यक्ष राजेंद्र सिंह को बिना जिलाध्यक्ष की सहमति से कोषाध्यक्ष नियुक्त करने पर नोटिस देकर तीन दिन में जवाब मांगा गया है। पचौरी ने नोटिस में लिखा कि मंडल अध्यक्ष राजेंद्र सिंह द्वारा पार्टी संविधान के विरुद्ध लगातार कार्य किए जा रहे हैं। 10 दिसंबर को मंडल में की गई कोषाध्यक्ष की नियुक्ति भी इनमें से एक है। जिसमें बिना जिलाध्यक्ष की सहमति के परिवर्तन किया गया है। यह मंडल अध्यक्ष के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता है। इसके अलावा बिना सहमति से अन्य नियुक्तियां भी की जा रही है।

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