नई दिल्ली । इस बार गणतंत्र दिवस (Republic day) के लिए रक्षा मंत्रालय (Ministry of Defence) की विशेषज्ञ समिति ने 11 राज्यों की झांकियों को चयनित किया है। यही 11 राज्यों की झांकियां राजपथ (rajpath) पर परेड (parade) में दिखाई देंगी। इस बार की परेड में कोरोना के मद्देनजर एहतियातन सिर्फ 4,000 दर्शकों को अनुमति दी जाएगी। परेड में पहली बार वायुसेना की सबसे बड़ी टुकड़ी फ्लाई पास्ट (fly past) में हिस्सा लेगी और 75 विमान आसमान में गर्जना करेंगे। इस बार की झांकी में भारतीय वायु सेना का भविष्य दर्शाया जायेगा।
गणतंत्र दिवस परेड के लिए विशेषज्ञ समिति ने अरुणाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, हरियाणा, जम्मू और कश्मीर (यूटी), कर्नाटक, मेघालय, पंजाब, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड की झांकियों को चयनित किया है। विशेषज्ञ समिति ने केरल, पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु की झांकियों के प्रस्ताव को निरस्त कर दिया है, जिस पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर विरोध जताया है। भारतीय वायु सेना की झांकी में एंटी टैंक ध्रुवस्त्र मिसाइल और अश्लेषा एमके 1 राडार से लैस स्वदेशी एलसीएच हेलीकॉप्टर को दर्शाया जायेगा।
गणतंत्र दिवस परेड के दौरान राजपथ पर अब तक का सबसे भव्य हवाई प्रदर्शन देखा जाएगा, जिसमें भारतीय वायु सेना, सेना और नौसेना के 75 विमान भारत की सैन्य ताकत का प्रदर्शन करते हुए शानदार फ्लाईपास्ट में भाग लेंगे। परेड में पांच राफेल भी शामिल होंगे जो ‘विनाश’ फॉर्मेशन में राजपथ के ऊपर से उड़ान भरेंगे। वायुसेना के प्रवक्ता विंग कमांडर इंद्रनील नंदी ने बताया कि भारतीय नौसेना के मिग-29के और पी-8आई टोही विमान ‘वरुण’ फॉर्मेशन में उड़ान भरेंगे, जबकि ’75’ नंबर के आकार में 17 जगुआर लड़ाकू विमान उड़ान भरेंगे। इसके अलावा ‘रुद्र’ फॉर्मेशन में एडवांस्ड लाइट हेलीकॉप्टर (एएलएच) के साथ चार एमआई-17 वी 5 विमान भी सबसे बड़े फ्लाईपास्ट का हिस्सा होंगे।
प्रवक्ता के मुताबिक देश भर में कोरोना वायरस के मामलों की बढ़ती संख्या को देखते हुए गणतंत्र दिवस परेड की लगभग 5 किमी. दूरी कम कर दी गई है। परेड का मार्ग पिछले साल की तरह छोटा होगा। मार्चिंग दल लाल किले के बजाय इंडिया गेट सी-हेक्सागन पर समाप्त होगा। सेंट्रल विस्टा के तहत पुनर्विकसित किए गए राजपथ को गणतंत्र दिवस परेड में भाग लेने वाले दल के पूर्वाभ्यास के लिए विजय चौक और इंडिया गेट के बीच खोला गया है। इस बार राजपथ पर परेड देखने के लिए सिर्फ 4,000 दर्शकों को अनुमति दी जाएगी और केवल चुनिंदा लोग ही समारोह में शामिल होंगे। सोशल डिस्टेन्सिंग की वजह से मार्चिंग दस्ते की बनावट आयताकार की जगह त्रिकोणीय होगी। एक दस्ते में 144 सैनिकों की बजाय सिर्फ 96 सैनिक शामिल होंगे। कोरोना महामारी से पहले एक दस्ते में 12 पंक्तियां और 12 कॉलम होते थे लेकिन इस बार 12 कॉलम में सिर्फ आठ पंक्तियां होंगी।
परेड के दौरान कोरोना के सभी प्रोटोकॉल का पालन किया जाएगा, जैसे राजपथ पर मौजूद लोगों के बीच पर्याप्त सामाजिक दूरी का पालन करना, परिसर की पूरी तरह से सफाई, प्रवेश बिंदुओं पर थर्मल स्क्रीनिंग, मास्क, सेनिटाइज़र और दस्ताने की उपलब्धता। साथ ही आपात स्थिति के लिए आयोजन स्थल पर आइसोलेशन और बूथ स्थापित किये जायेंगे। भारत की सांस्कृतिक विविधता और सैन्य ताकत के प्रतीक इस गणतंत्र दिवस परेड में कोरोना महामारी फैलने से पहले 1.15 लाख से 1.25 लाख दर्शक शामिल होते थे। साथ ही तीन दिन बाद होने वाले बीटिंग द रिट्रीट समारोह का समय भी 15 मिनट बढ़ा दिया गया है। इसमें पहली बार एक विशेष लेजर के अलावा सैकड़ों ड्रोन आसमान में तैरते हुए दिखाई देंगे।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved