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अमेजन में हुए इस्तीफों की होगी जांच, श्रम कानूनों के उल्लंघन का पता लगाएगा मंत्रालय

नई दिल्ली। श्रम मंत्रालय यह पता लगाने के लिए एक जांच बिठाएगा कि हाल ही में अमेजन इंडिया में बड़े पैमाने पर हुए इस्तीफों के दौरान श्रम कानूनों या सेवा की शर्तों का उल्लंघन किया गया है या नहीं? इस घटना से वाकिफ लोगों ने इसकी पुष्टि की है।

मंत्रालय ने नवगठित सूचना प्रौद्योगिकी कर्मचारी सीनेट (NITES) की ओर से श्रम मंत्री भूपेंद्र यादव को श्रम कानूनों का उल्लंघन करते हुए बड़े पैमाने पर छंटनी की शिकायत मिलने के बाद पिछले सप्ताह अमेज़न इंडिया को एक नोटिस भेजा था।

अमेजन इंडिया प्रबंधन ने अपने जवाब में कहा था कि किसी भी कर्मचारी को नहीं हटाया गया है और कुछ कर्मचारियों ने ई-कॉमर्स फर्म के ‘स्वैच्छिक अलगाव कार्यक्रम’ को स्वीकार करने के बाद इस्तीफा दे दिया है।

एनआईटीईएस के अध्यक्ष हरप्रीत सिंह सलूजा के अनुसार कंपनी ने कर्मचारियों को अपने आंतरिक संचार में कहा था कि जो लोग स्वैच्छिक अलगाव कार्यक्रम का विकल्प नहीं चुनते हैं उन्हें “कार्यबल अनुकूलन कार्यक्रम” के तहत बिना किसी लाभ के निकाल दिया जाएगा। यह श्रम कानूनों का उल्लंघन है।


रिपोर्ट के मुताबिक, अमेजन ने वैश्विक स्तर पर कॉरपोरेट और प्रौद्योगिकी नौकरियों में लगभग 10,000 लोगों को बाहर निकालने की योजना बनाई है। यह कंपनी के इतिहास में अब तक की सबसे बड़ी छंटनी होगी। अमेज़न इंडिया में हुए इस्तीफों को ई-कॉमर्स दिग्गज की वैश्विक छंटनी के एक हिस्से के रूप में देखा जा रहा है।

इस सर्विस को बंद करने की तैयारी
अमेरिका के टेक्नोलॉजी और ई-कॉमर्स दिग्गज कंपनी अमेजन द्वारा हाल ही में छंटनी को लेकर दी गई सफाई के बाद एक बार फिर सामने आया है कि कंपनी भारत में अपनी कुछ सर्विस को बंद कर देगी। रिपोर्ट्स के मुताबिक, कंपनी ने कहा है कि वह फूड डिलीवरी के साथ-साथ डिस्ट्रीब्यूशन यूनिट को भी बंद करेगी। जानकारी के मुताबिक, डिस्ट्रीब्यूशन यूनिट फास्ट मूविंग कंज्यूमर गुड्स को कंपनियों से लेकर उन्हें रिटेलर्स को सप्लाई करती है। वहीं, यह भी पता चला है कि कंपनी ने इससे निपटने के लिए अभी से अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं।

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