विदेश

अमेरिका में तेजी से बढ़ते संक्रमण को देखते हुए पाबंदियां फिर हो सकती हैं लागू


वाशिंगटन । अमेरिका (America)  में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों (fast growing infection) के मद्देनजर अधिकारियों ने इससे निपटने के लिए एक बार फिर पाबंदियां लगानी शुरू कर दी हैं। रिपब्लिकन गवर्नरों ने मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया है और स्कूलों को दोबारा खोलने की योजनाएं भी फिलहाल स्थगित की जा रही हैं।

इस बीच, कई लोग मास्क पहनने और सामाजिक दूरी बनाए रखने के नियम के पीछे के विज्ञान पर सवाल उठा रहे हैं। लोगों को इस बात का भी डर है कि एक बार फिर पाबंदियां लगाए जाने से और नौकरियां जा सकती हैं। आयोवा की गवर्नर किम रेनॉल्ड्स जो मास्क पहनने के खिलाफ थीं, उन्होंने भी मंगलवार से मुंह ढंकने के अपने नियम में बदलाव किया।

हालांकि उन्होंने दावा किया, ‘‘मास्क पहनने से कोरोना वायरस फैलने का खतरा कम होने या ना होने, दोनों से जुड़े वैज्ञानिक सिद्धांत है।’’ जन स्वास्थ्य अधिकारियों ने अगले सप्ताह ‘थैंक्सगिविंग’ के मद्देनजर भी विशेष तैयारियां की हैं। वहीं डॉक्टरों ने लोगों से बड़े समारोह ना करने की अपील की है।

‘जॉन हॉपकिन्स’ विश्वविद्यालय के अनुसार अमेरिका में सर्वाधिक 73,000 से अधिक लोग अस्पताल में भर्ती थे। वहीं सोमवार को कोविड-19 के 1,66,000 से अधिक नए मामले सामने आए थे। अमेरिका में अभी तक 2,47,000 से अधिक लोगों की वायरस से मौत हो चुकी है। यहां प्रतिदिन औसतन 1,145 लोगों की मौत हो रही है।

आयोवा के अलावा, नॉर्थ डकोटा और यूटा ने भी अब मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया है। वहीं साउथ डकोटा ने स्कूलों को एक बार फिर बंद करने का फैसला लिया है। हाल में यहां 94 छात्र और 47 कर्मचारी संक्रमित पाए गए थे। इस बीच, फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पावेल ने मंगलवार को कहा कि देश में बढ़ते कोरोना वायरस के मामलों के मद्देनजर आने वाले कुछ महीनों में अर्थव्यवस्था धीमी पड़ सकती है।

Share:

Next Post

जानिए दिल्ली में लॉकडाउन में किन गतिविधियों पर लग सकती है रोक

Wed Nov 18 , 2020
नई दिल्ली। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली सरकार, केन्द्र और सभी एजेंसियां राष्ट्रीय राजधानी में कोविड-19 की स्थिति को नियंत्रित करने के लिए दोगुना प्रयास कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘हम केन्द्र सरकार को दिल्ली सरकार को बाजार क्षेत्रों में लॉकडाउन लगाने की शक्ति देने के लिए एक प्रस्ताव भेज रहे हैं, […]