न्यूयॉर्क। दुनिया की सबसे प्रभावशाली कोविड-19 वैक्सीन (Covid-19 Vaccine) फाइजर-बायोएनटेक (Pfizer BioNtech Vaccine) की प्रभावशीलता में छह महीने बाद बड़ी कमी देखी गई है. एक स्टडी के मुताबिक, फाइजर(Pfizer) की दोनों खुराक लेने के बाद जो टीका (Vaccine) संक्रमण रोकने में 88 फीसदी प्रभावी था, वह छह महीने बाद घटकर 47 फीसदी हो गया है. इसका मतलब यह हुआ कि दुनिया की सबसे प्रभावशाली वैक्सीन (Vaccine) का असर छह महीने में ही 41 फीसदी तक घट गया.
यह स्टडी लांसेट मेडिकल जर्नल में प्रकाशित हुई है. स्टडी के मुताबिक अस्पताल में भर्ती होने और संक्रमण से होने वाली मौतों को रोकने में टीके की प्रभावशीलता छह महीने तक 90% के उच्च स्तर पर रही. इस डेटा से पता चलता है कि यह गिरावट अधिक संक्रामक वेरिएंट के बजाय प्रभावोत्पादकता कम होने के कारण है.
फाइजर और कैसर पर्मानेंट (Pfizer and Kaiser Permanente) ने दिसंबर 2020 से अगस्त 2021 के बीच कैसर पर्मानेंट सदर्न कैलिफोर्निया के लगभग 34 लाख लोगों के हेल्थ रिकॉर्ड्स की जांच की. इस स्टडी को लेकर फाइजर वैक्सीन्स में चीफ मेडिकल ऑफिसर और सीनियर वाइस प्रेसिडेंट लुई जोडार ने कहा कि हमारा वेरिएंट स्पेसिफिक एनालिसिस बताता है कि फाइजर वैक्सीन कोरोना के डेल्टा समेत सभी चिंताजनक वेरिंएट के खिलाफ प्रभावी है.
स्टडी में बताया गया है कि फाइजर का टीका लगवाने के एक महीने बाद डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ यह 93 फीसदी प्रभावी थी, लेकिन चार महीने बाद यह घटकर 53 फीसदी हो गई. जबकि अन्य वेरिएंट के मुकाबले प्रभावशीलता 97 फीसदी से घटकर 67 फीसदी हो गई.
कैसर पर्मानेंट दक्षिणी कैलिफोर्निया के अनुसंधान और मूल्यांकन विभाग के साथ स्टडी के प्रमुख लेखक सारा टार्टोफ कहते हैं कि इससे यह पता चलता है कि डेल्टा ऐसा वेरिएंट नहीं है, जो वैक्सीन को चकमा दे सके. उन्होंने कहा कि अगर ऐसा होता तो शायद हमें टीकाकरण के बाद उच्च सुरक्षा नहीं मिलती.
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