भोपाल न्यूज़ (Bhopal News)

सड़कें, बेसमेंट, खाली प्लॉट व निचले इलाके जलमग्न

भोपाल। राजधानी में बीते दो दिन हुई बारिश के कारण सड़कें,बेसमेंट, खाली प्लॉट व निचले इलाके में पानी ही पानी देखने को मिला। कई क्षेत्रों में आज भी जलभराव है। इस कारण लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। दो लाख आबादी वाले उपनगर कोलार में चारों तरफ बारिश का पानी ही पानी दिखा। सर्वधर्म से लेकर बैरागढ़ चीचली तक कोलार मुख्य मार्ग के दोनों ओर बनीं 100 कॉलोनियों की सड़कें बारिश के पानी से लबालब हैं। ललिता नगर बाजार के बेसमेंट में बनी दुकानों में पानी भर गया है। मोबाइल, नमकीन सहित कई अन्य सामग्रियों की एक दर्जन दुकानें जलमग्न हैं। खाली प्लॉट और ओम, गणेश, वरुण नगर, राजहर्ष ए सेक्टर, राजवेध, सनखेड़ी, बांसखेड़ी, दामखेड़ा समेत कई क्षेत्रों में स्थित घरों में पानी भरा हुआ है। इनमें से कहीं भी नगर निगम का अमला लोगों को जलभराव की समस्या से निजात दिलाता नहीं दिखा। नगर निगम का कोलार फायर अमला दानिशकुंज बिजली कंपनी के पास भरे हुए पानी की निकासी का इंतजाम करता रहा। लगातार तेज बरसात के कारण शहर के कई निचले इलाकों मेें पानी भर गया। सबसे ज्यादा भयावह हालात कोलार के दामखेड़ा में बने। यहां घरों का सामान गलियों में बहता देखा गया। लोग छोटे बच्चों और जरूरी सामान को लेकर परेशान होते रहे। दामखेड़ा के आसपास की कुछ कॉलोनियों में भी मकानों में पानी भर गया। कलियासोत का पानी स्वर्ण जयंती पार्क से होते हुए इंडस एम्पायर में घुस गया।
कोलार बांध में महज 21 घंटे में पांच मीटर से ज्यादा पानी बढ़ गया। ऐसे में एफटीएल से 2.4 मीटर कम रहते हुए ही बांध के चार गेट खोले गए। इनसे 100 क्यूमेक पानी कोलार नदी में छोड़ा गया। इसके अलावा केरवा बांध अधिकतम जलस्तर के नजदीक पहुंच गया। ऐसे में बांध के आठ ऑटौमैटिक गेट खुल गए।
भोपाल के बड़ा तालाब के कैचमेंट एरिया (सीहोर) में भारी बारिश के कारण बड़े तालाब में रात साढ़े 11.30 बजे से लेकर सुबह 8 बजे तक 3.2 फीट पानी भर गया। इससे तालाब का जलस्तर 1663.30 से बढ़कर 1666.50 हो गया। यह तालाब के फुल टैंक लेवल 1666.80 से महज 0.30 फीट कम था। वहीं, कैचमेंट में हो रही बारिश के कारण तालाब का जलस्तर लगातार बढ़ता रहा। इसके चलते प्रशासन ने सुबह 8.30 बजे भदभदा डैम का एक गेट खोल दिया।
तालाब के कैचमेंट में हुई बारिश के पानी का बहाव तेज होने के कारण शाम तक प्रशासन को एक-एक कर डैम के 11 में 10 गेट खोलने पड़े। इतना ही नहीं भदभदा के गेट खुलने के बाद कलियासोत डैम भी लबालब हो गया। इसके चलते जल संसाधन अमले को आनन-फानन में कलियासोत डेम के 7 गेट खोलने पड़े। इसी तरह केरवा डेम के सभी 8 गेट शनिवार सुबह डैम का जलस्तर फुल टैंक लेवल पर पहुंचने के बाद खोल दिए गए।

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