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रोहित ऐसे कप्तान, जिसके लिए मैं जान दे सकता हूं, अश्विन ने क्यों कही ऐसी बात

नई दिल्ली: भारत-इंग्लैंड टेस्ट मैच के दौरान मां के अचानक बेहोश होने की सूचना मिली तो रविचंद्रन अश्विन (Ravichandran Ashwin) खुद भी होशो-हवाश खो बैठे. वे कमरे में बैठकर रोने लगे. समझ नहीं आ रहा था कि क्या करें. दिमाग कह रहा था कि मैच बराबरी में फंसा है, अगर अभी बीच में छोड़ा तो इंग्लैंड का पलड़ा भारी हो जाएगा. लेकिन दिल नहीं मान रहा था. अश्विन याद कर रहे थे कि आखिर उन्होंने मां से आखिरी बार कब बात की थी. तभी कप्तान रोहित शर्मा, कोच राहुल द्रविड़ के साथ आते हैं. रोहित आते ही कहते हैं- क्या कर रहे हो. तुम्हें तुरंत घर जाना है. बैग पैक करो…

रविचंद्रन अश्विन ने दर्दभरी यह दास्तां खुद सुनाई. क्रिकेटप्रेमी जानते हैं कि आर. अश्विन इंग्लैंड के खिलाफ (India vs England) राजकोट में खेले गए तीसरे टेस्ट के दौरान अचानक घर लौट गए थे. राजकोट से चेन्नई तुरंत जाना संभव नहीं हो पा रहा था तो कप्तान रोहित शर्मा (Rohit Sharma) ने इसकी व्यवस्था की. अश्विन बताते हैं कि चेतेश्वर पुजारा ने चार्टर प्लेन उपलब्ध कराने के लिए कई लोगों से बात की और इस सबके चलते ही वह मां के पास तुरंत पहुंच पाए था.

यह पूरा वाकया राजकोट टेस्ट के दूसरे दिन का है. दिन का खेल खत्म होने के बाद रविचंद्रन अश्विन 500वां विकेट लेने का जश्न मना रहे थे. लेकिन जब इस खुशी के मौक पर घर से फोन नहीं आता तो अश्विन (R Ashwin) को चिंता होती है. वे फोन लगाते हैं तो पत्नी प्रीति बताती हैं कि मां की तबीयत खराब है और अचानक बेहोश होने के चलते उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है. पत्नी की बात सुनते ही अश्विन परेशान हो जाते हैं. रोने लगते हैं.


रविचंद्रन अश्विन ने अपने यूट्यूब चैनल पर पूरी बात विस्तार से बताई. अश्विन कहते हैं, ‘मां की तबीयत की बात सुनते ही मेरी आंखों के सामने अंधेरा छा गया. मैं रो रहा था. लेकिन चाहता था कि कहीं कोई मुझे रोते हुए देख ना ले. इस दौरान मैं कमरे में अकेला बैठ गया, बिना यह जाने कि मुझे क्या करना चाहिए. तभी रोहित शर्मा और राहुल द्रविड़ कमरे में आते हैं. शायद मैंने फोन नहीं उठाया था और इस कारण प्रीति (पत्नी) ने यह बात रोहित को बता दी थी. रोहित आते ही कहते हैं कि क्या कर रहे हो. तुम्हें तुरंत घर जाना है. अपना बैग पैक करो और जाओ.’

लेकिन अगली चुनौती यह थी कि राजकोट से चेन्नई के लिए सुब से पहले कोई फ्लाइट नहीं थी. यह बात चेतेश्वर पुजारा को पता चली होगी और उन्होंने मदद की. पुजारा ने कई लोगों से बात की और मेरे लिए चार्टर प्लेन का इंतजाम कराया.

उधर, रोहित शर्मा ने टीम के फिजियो कमलेश जैन से कहा कि वे अश्विन के साथ जाएं. यह जानते हुए भी कि टीम में सिर्फ दो ही फिजियोथेरपिस्ट हैं. अश्विन बताते हैं, ‘मैंने कमलेश से कहा कि वे यहीं रुकें. उन्हें जाने की जरूरत नहीं है. लेकिन जब मैं फ्लाइट के लिए पहुंचा तो कमलेश और एक सुरक्षाकर्मी वहां पहले से मौजूद थे. रोहित बार-बार फोन कर कमलेश से मेरे बारे में जानकारी ले रहे थे. यह मुझे भीतर तक प्रभावित कर गया. आज की स्वार्थी दुनिया में उस व्यक्ति (रोहित) को दूसरे व्यक्ति की भलाई करने का फैसला लेने में सिर्फ कुछ पल लगे. वह सच में महान है.’

अश्विन कहते हैं, ‘ रोहित बेहद खास हैं और बेहतरीन लीडर हैं, जिसका दिल सोने का है. मैंने इसे खुद महसूस किया है. वह इस तरह के कप्तान हैं, जिनके लिए मैं मैदान पर जान भी दे सकता हूं. अपनी इन्हीं खूबियों के चलते उन्होंने इतने खिताब जीते हैं. मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि रोहित अपने करियर और जिंदगी में और कामयाबी हासिल करें.’

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