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सेबी ने कराया बाबा को शीर्षासन, निवेशकों में मची भगदड़

इंदौरी कम्पनी रुचि सोया के एफपीओ को लेकर जारी एसएमएस ने किया कबाड़ा, पतंजलि को हरिद्वार में एफआईआर दर्ज करवाकर पल्ला झाडऩा भी पड़ा

इंदौर। दिवालिया इंदौरी रुचि सोया कम्पनी (Indori Ruchi Soya Company) को औने-पौने दामों पर बाबा रामदेव की पतंजलि (Baba Ramdev’s Patanjali) ने खरीदा और बैंकों को हजारों करोड़ रुपए की टोपी पहना दी। अभी रुचि सोया का एफपीओ (FPO) जारी किया गया, जो 28 मार्च को बंद हुआ। मगर एक विवादित एसएमएस के चलते सेबी ने ना सिर्फ निवेशकों को निकलने का मौका दिया, बल्कि रुचि सोया को नोटिस भी जारी कर दिया और कहा कि अखबारों में विज्ञापन देकर निवेशकों को उनके आवेदनों से निकलने की अनुमति दी जाए। सेबी की कार्रवाई ने बाबा को जहां शीर्षासन करवा दिया, वहीं हरिद्वार में एफआईआर भी पतंजलि समूह द्वारा दर्ज करवाकर इस एसएमएस से पल्ला भी झाडऩे का प्रयास किया।


रुचि सोया के एफपीओ में निवेश के लिए प्रेरित करने वाला एक एसएमएस पिछले दिनों चला, जिसे सेबी ने नियमों का उल्लंघन माना और बाबा की कम्पनी के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी। इसके चलते निवेशकों में भी भगदड़ की स्थिति रही और जो एफपीओ 3.6 गुना सब्स्क्राइब हुआ था, वह सेबी की कार्रवाई के बाद 24 घंटे में ही घटकर 2.58 गुना रह गया और आज भी निवेशकों को निकलने की अंतिम तिथि है। लिहाजा और भी गिरावट आ सकती है और आज रात तक ही अंतिम आंकड़े उपलब्ध होंगे कि कितने निवेशकों ने अपनी बोलियां वापस लीं और कितने अब बच गए। अभी तक रिटेल इन्वेस्टर्स ने 1.23 करोड़ बोलियां वापस ले ली और सब्स्क्रिप्शन भी 2.20 गुना से घटकर 1.6 गुना रह गया। एफपीओ का इश्यू प्राइट 615 से 650 रुपए तय किया गया था और सेबी के निर्देश के चलते रुचि सोया को बकायदा विज्ञापन जारी कर निवेशकों के लिए एफपीओ से निकलने का ऑप्शन खोलना पड़ा और आज 30 मार्च तक का समय भी देना पड़ा। यानी एक एसएमएस ने बाबा रामदेव को शीर्षासन करवा दिया। हालांकि कम्पनी ने इस मामले में हरिद्वार में एफआईआर दर्ज करवाते हुए कहा कि जो एसएमएस जारी हुआ, वह कम्पनी या उसके किसी प्रवर्तकों द्वारा जारी नहीं किया गया। किसी ने गलत एसएमएस जारी कर दिए।

बोलियां लगाने वाले निवेशक होने लगे बाहर

दरअसल 28 मार्च को रुचि सोया का एफपीओ बंद हुआ और उसी दिन शाम को सेबी ने वापसी के संबंध में निर्देश जारी कर दिए, जिसके चलते निवेशकों में भगदड़ मची और 24 घंटे में ही कई निवेशकों ने अपने आवेदन वापस ले लिए। आज का भी दिन बचा है। 4300 करोड़ रुपए का यह एफपीओ यानी फॉलोऑन पब्लिक ऑफर रुचि सोया की ओर से जारी किया गया और देशभर में इसके विज्ञापन भी दिए गए। सेबी की कार्रवाई के चलते कल बोर्ड बैठक भी टालना पड़ी, जो अब गुरुवार को आयोजित की गई है, जिसमें एफपीओ की कीमत तय होना है।

अग्निबाण का खुलासा सोशल मीडिया पर भी जमकर वायरल

चूंकि देशभर के प्रमुख समाचार-पत्रों और अन्य मीडिया चैनल्स पर पतंजलि के विज्ञापनों के अलावा अभी जो एफपीओ जारी किया गया उसके भी जमकर विज्ञापन दिए गए, जिसके चलते एसएमएस और उस पर सेबी द्वारा की गई कार्रवाई का मीडिया ग्रुप्स में खुलासा नहीं हो सका। अग्निबाण के खुलासे के बाद सोशल मीडिया पर भी जमकर यह खबर वायरल हुई। दरअसल सेबी ने एफपीओ में निवेश को प्रेरित करने वाले एसएमएस को नियमों का उल्लंघन मानते हुए अपनी कार्रवाई शुरू की, जिसके चलते रुचि सोया को भी एफपीओ से निकलने का ऑप्शन खोलना पड़ा।

 

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