इंदौर न्यूज़ (Indore News)

देश के सबसे साफ शहर में सफाईकर्मियों का टोटा

– 8 से 10 हजार रुपए के वेतन पर कोई काम करने को तैयार नहीं

– प्राइवेट जगह ड्रैनेज की सफाई में हर रोज डेढ़ से दो हजार कमा लेते हैं

– अब आउटसोर्स कंपनियों से निगम ने मांगी मदद

इन्दौर। देश के सबसे साफ शहर में शुमार इंदौर (Indore) में डे्रनेज की शिकायतों का निराकरण करने में काफी समय लग रहा है और सीएम हेल्पलाइन से लेकर मेयर हेल्पलाइन तक शिकायतों का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है। इसके पीछे डे्रनेज विभाग में सफाई कर्मचारियों की कमी सबसे बड़ा कारण बताया जा रहा है। कुल 768 कर्मचारी हैं, जिनमें कई वाहन चालक हैं तो कई छुट्टी पर रहते हैं, वहीं दूसरी ओर एक और मुख्य कारण यह बताया जा रहा है कि निगम से सफाई कामगारों को 8 से 10 हजार का वेतन मिलता है, जबकि वे प्राइवेेट क्षेत्र में काम करके रोज डेढ़ से दो हजार रुपये से ज्यादा कमा लेेते हैं।


नगर निगम ने बीते कई सालों में पूरे देश में स्वच्छता का परचम लहराया है और 6 बार खिताब जीता। कई क्षेत्रों की सफाई व्यवस्था पहले से बेहतर तो हुई, लेकिन अब निगम की डे्रनेज सफाई व्यवस्था प्रभावित हो रही है। कई वार्डों में डे्रनेज संबंधित शिकायतों का निराकरण करने में काफी समय लग रहा है और शिकायतों का आंकड़ा भी दिन पर दिन बढ़ता जा रहा है। कई झोनों पर चार से पांच डे्रनेज सफाई कामगार ही तैनात हैं, जिसके कारण वार्डों की शिकायतों का निराकरण कराने में देरी होती है और इसी देरी के चलते रहवासी अफसरों पर अपना गुस्सा निकालते हैं। पांच से आठ बार निगम ने डे्रनेज विभाग में सफाई कामगारों की भर्ती के लिए विज्ञापन निकाले थे, लेकिन इसमें कम लोगों ने ही रुचि ली थी और फिर बाद में जैसे-तैसे कुछ कंपनियों से कर्मचारी बुलाकर काम चलाया जा रहा है।

सिर्फ 768 कर्मचारियों के जिम्मे पूरे शहर की डे्रनेज व्यवस्था

नगर निगम डे्रनेज विभाग के रिकार्ड के मुताबिक सभी झोनलों में और अन्य क्षेत्रों में कार्यरत डे्रनेज सफाई कामगारों की संख्या 768 है, जो इस शहर के मान से बहुत कम है। कई झोनल के वार्ड बड़े होने के कारण वहां अतिरिक्त सफाई कामगारों की तैनाती भी की गई, लेकिन शिकायतों का ग्राफ कम नहीं हुआ। 768 कर्मचारियों में से कई डे्रनेज की गाडिय़ों के वाहन चालक हैं, तो कुछ अन्य कार्यों में तैनात हैं। इनमें से 500 से 550 कर्मचारी ही डे्रनेज सफाई संबंधी कार्य संभालते हैं और इसी के चलते शिकायतें लगातार बढ़ती जा रही हैं।

सवा दो लाख चेंबर, कई लाइनें खस्ताहाल

नगर निगम अधिकारियों के मुताबिक पूरे शहर में डे्रनेज के सवा दो लाख से ज्याादा चेंबर हैं और कई स्थानों पर नई डे्रनेज लाइनें बिछाने के चलते उन क्षेत्रों में दिक्कतें कम आ रही हैं, लेकिन मध्य क्षेत्र के कई इलाकों में वर्षों पुरानी लाइनें बिछी होने के कारण वहां सफाई कार्य प्रभावित हो रहे है। इनमें यशवंत रोड, कलेक्टोरेट रोड, मच्छी बाजार और उसके आसपास के क्षेत्रों में कई डे्रनेज लाइनें सुरंगनुमा हैं, जिनकी सफाई के लिए कुशल कर्मचारियों की टीमों की जरूरत पड़ती है।

तनख्वाह से ज्यादा दिनभर में कमाई

डे्रनेज विभाग में सफाई कर्मचारियों की भर्ती के लिए निगम ने कई जतन कर लिए, लेकिन इस पेशे से जुड़े लोग निगम के अधीन रहकर काम करने में कम रुचि दिखा रहे हैं। निगम डे्रनेज कमचारियों को 8 से 10 हजार प्रतिमाह का वेतन देता है, जबकि डे्रनेज कर्मचारी दिनभर में कहीं भी  प्राइवेट काम कर डेढ़ से दो हजार से ज्यादा की राशि कमा लेते हैं। इसी के चलते वे निगम की नौकरी में नहीं आना चाह रहे हैं। अब निगम अधिकारियों ने कुछ कंपनियों से डे्रनेज कर्मचारी की भर्ती के लिए चर्चा की है।

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