नई दिल्ली । भारत (India) में चांदी (Silver) ने 2025 में सभी कमोडिटीज को पीछे छोड़ दिया है। पिछले हफ्ते MCX पर इसकी कीमत 1,06,138 रुपये प्रति किलो के ऑल-टाइम हाई पर पहुंच गई। आज सर्राफा बाजारों में चांदी बिना जीएसटी (GST) 105560 रुपये प्रति किलो के ऑल टाइम हाई पर पहुंच गई है। निवेशकों और एक्सपर्ट्स की नजर अब इसी पर टिकी है। आइए समझें क्यों उड़ रही है चांदी? जानें 3 बड़े कारण…
1. सेफ-हेवन डिमांड: रूस-यूक्रेन जंग और ग्लोबल तनाव के बीच लोगों ने चांदी को “सुरक्षित निवेश” माना।
2. इंडस्ट्री का भूखा पेट: सोलर पैनल, इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (EVs) और इलेक्ट्रॉनिक्स के लिए चांदी की मांग आसमान छू रही है।
3. सप्लाई किल्लत: रूस (दुनिया के टॉप-10 सिल्वर प्रोड्यूसर्स में से एक) से सप्लाई रुकने का डर। पहले से ही दुनिया में पिछले 5 साल से चांदी की कमी चल रही थी।
सोने को भी पीछे छोड़ा
इकनॉमिक टाइम्स की खबर के मुताबिक आनंद राठी के नवीन माथुर का अनुमान है, “2025 में MCX सिल्वर 1,15,000 रुपये से 1,23,000 रुपये प्रति kg तक पहुंच सकता है। यानी अभी के भाव से 20% तक का फायदा।” रिच डैड पुअर डैड लेखक रॉबर्ट कियोसाकी का अनुमान है कि चांदी आज भी सबसे सस्ता निवेश है! इस साल $70/औंस (अंतरराष्ट्रीय बाजार) तक पहुंचने की उम्मीद है।
LKP सिक्योरिटीज जतिन त्रिवेदी कहते हैं, “सिर्फ 2025 में ही चांदी ₹87,000 से ₹1,04,500/kg पर पहुंची। अगले टारगेट 1,10,000 रुपये–1,20,000 रुपये हैं”
रिलायंस सिक्योरिटीज जिगर त्रिवेदी का कहना है, “अगले 1 महीने में MCX सिल्वर 1,10,000 रुपये प्रति kg तक जा सकता है। पोर्टफोलियो में 12-15% चांदी जरूर रखें!”
गरीबों के गोल्ड यानी चांदी का कमाल
2011 के पीक के बाद चांदी 10 साल तक लुढ़कती रही। 2020 से जादू चला और कोविड के बाद से लगातार तेजी जारी है। सोने की बढ़त से शुरुआत, फिर खुद के दम पर उड़ान। इसे डबल रोल यानी गहने बनाने प्लस इंडस्ट्री में काम आने वाली एकमात्र धातु होने का भी लाभ मिल रहा है।
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