भोपाल न्यूज़ (Bhopal News)

कमलनाथ – दिग्विजय सिंह के गढ़ को घेरेंगे ज्योतिरादित्य सिंधिया

  • मिशन 2023 और 2024 के लिए भाजपा ने बिछाई बिसात
  • 18 अगस्त को सिंधिया गुना, राजगढ़ और छिंदवाड़ा में दौरा करेंगे

भोपाल। 2023 के चुनाव मोड में आ चुकी भाजपा ने अब कमलनाथ (Kamalnath), दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) की घेराबंदी का प्लान तैयार किया है। भाजपा (BJP) ने कांग्रेस (Congress) से दल बदल कर पार्टी में शामिल हुए केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (Union Minister Jyotiraditya Scindia) को कमलनाथ और दिग्विजय सिंह के गढ़ में उतारने की तैयारी कर ली है। पार्टी ने केंद्रीय मंत्री का पद संभालने के बाद सिंधिया के प्रदेश दौरे के कार्यक्रम बनाना शुरू कर दिया है। इसके तहत 18 अगस्त को ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) छिंदवाड़ा, गुना और राजगढ़ पहुंचेंगे। यहां पर सिंधिया पार्टी के कार्यक्रमों में शामिल होंगे।


दरअसल कांग्रेस में रहते हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) ग्वालियर चंबल के अलावा मालवा तक ही सीमित थे, जबकि राजगढ़ में दिग्विजय सिंह और महाकौशल, छिंदवाड़ा में कमलनाथ गुट हावी हुआ करता था। यही कारण है कि 2008 के चुनावी माहौल में सिंधिया ने छिंदवाड़ा में कांग्रेस के पक्ष में प्रचार किया था। अब सिंधिया 13 साल बाद एक बार फिर छिंदवाड़ा कर रुख करेंगे, लेकिन इस बार वह कांग्रेस के बैनर तले नहीं, बल्कि भाजपा का झंडा छिंदवाड़ा में बुलंद करेंगे।

कांग्रेस में गुटबाजी हावी
सिंधिया समर्थक और प्रदेश सरकार के मंत्री बृजेंद्र सिंह यादव का कहना है कि कांग्रेस में गुटबाजी है। कांग्रेस गुटों में बटी पार्टी है। कांग्रेस पहले कमलनाथ, दिग्विजय सिंह और सिंधिया के गुटों में बंट गई थी। जबकि, भाजपा में कोई गुटबाजी नहीं है और पार्टी के नेता पूरे प्रदेश में दौरा कर पार्टी को मजबूत करने का काम करते हैं। यही कारण है कि अब ज्योतिरादित्य सिंधिया सिर्फ ग्वालियर चंबल इलाके के नहीं, बल्कि पूरे प्रदेश और देश के नेता हैं। ऐसे में पार्टी ने उन्हें छिंदवाड़ा और राजगढ़ भेजती है तो पार्टी के कार्यकर्ता होने के नाते वह इस जिम्मेदारी को निभाएंगे।

कांग्रेस ने भाजपा के प्लान पर साधा निशाना
भाजपा के इस प्लान पर कांग्रेस ने निशाना साधा है। पूर्व मंत्री प्रियव्रत सिंह ने कहा है कि सिंधिया 2019 का लोकसभा चुनाव हार गए थे और छिंदवाड़ा में नकुल नाथ ने कांग्रेस के टिकट पर जीत हासिल की है। ऐसे में एक जीते हुए सांसद के खिलाफ सिंधिया को उतारने से बीजेपी को कोई लाभ नहीं होने वाला है।

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