ब्‍लॉगर स्‍वास्‍थ्‍य

मानसून में त्वचा की देखभाल

– शहनाज़ हुसैन

मानसून की फुहारों से मौसम में बदलाव की शुरुआत होती है। मानसून आते ही मौसम सुहावना हो जाता है। गर्मी समाप्त होते जब तपती धरती पर बारिश की रिमझिम बौछारें गिरती हैं तो सभी को तरोताजा कर देती हैं। मानसून की बारिश में भीगना बहुत अच्छा लगता है लेकिन वातावरण में उमस, आर्द्रता की वजह से खुजली, जलन, लाल दाग तथा संक्रमण की अनेक बीमारियाँ भी शुरू हो जाती हैं।

मानसून की पहली बारिश के साथ वातावरण में आर्द्रता आ जाती है जिसकी वजह से त्वचा से जुड़ी अनेक समस्याएं खड़ी हो जाती है। आपकी त्वचा पर पसीना वातावरण के प्रदूषक कणों को आकर्षित करके त्वचा के छिद्रों को बन्द कर देता है। जिससे त्वचा में संक्रमण, एलर्जी, मुहांसे, काले धब्बे, फंगस आदि की समस्या पैदा हो जाती है। इसलिए मौसम बदलते ही आपको अपनी त्वचा से जुड़ी दिनचर्या को भी बदलना चाहिए।

-मानसून में यदि आसमान बादलों से भी घिरा है तो भी आप घर से बाहर निकलने से 20 मिनट पहले सनस्क्रीन का उपयोग अवश्य करें। यह सुनिश्चित कर लें कि आपकी सनस्क्रीन जैल फार्म में पानी अवरोध एस.पी.एफ 30 होनी चाहिए जो कि यूवीए तथा यूवीबी किरणों से प्रतिरक्षा प्रदान करें। यदि आप बर्फीले क्षेत्रों या समुद्र तल के नजदीक रहती हैं तो इन क्षेत्रों में सूर्य की किरणें बहुत तेज होती हैं तथा इन स्थानों पर आपको एसपीएफ 40 सनस्क्रीन उपयोग करना चाहिए। यदि आपकी त्वचा तैलीय है तो सनस्क्रीन जैल का उपयोग बेहतर रहेगा।

-उमस भरे मौसम में खुद को हाइड्रेट रखना सबसे जरूरी होता है ताकि त्वचा की नमी बरकरार रखी जा सके। इस मौसम में सुबह उठते सबसे पहले गर्म पानी में नींबू का रस डालकर जरूर लें, जिससे शरीर के विषैले तत्व बाहर चले जायेंगे। इससे त्वचा पर कील मुहांसे की सम्भावना कम हो जाएगी।

-अपने आहार में फल-सब्जियां, सलाद, दही-लस्सी जैसे पदार्थों को अवश्य शामिल करें। इस मौसम में चाय/कॉफी/ कोल्ड ड्रिंक आदि का परहेज बेहतर होगा जबकि नारियल पानी में विद्यमान पोटाशियम की वजह से यह आपकी त्वचा के लिए बेहतर होगा।

-इस मौसम में शारीरिक तथा वस्त्रों की स्वच्छता काफी महत्वपूर्ण होती है क्योंकि पसीना कपड़ों पर चिपक जाता है जिससे शरीर से दुर्गन्ध तथा बदबू आनी शुरू हो जाती है। इस मौसम में दिन में दो बार स्नान कीजिए तथा कॉटन या लिनन के वस्त्र धारण कीजिए ताकि पसीने की बदबू छिद्रयुक्त कपड़ों के माध्यम से बाहर निकल जाए। इससे आप फंगल या जीवाणु सम्बन्धी संक्रमण से बच सकें।

-बरसात के मौसम में आर्द्रता बढ़ जाने से त्वचा को तरोताजा तथा ठण्डक प्रदान करने के लिए अच्छी गुणवत्ता का स्किन टोनर होना बहुत जरूरी है। बरसात में गुलाब जल बेहतरीन स्कीन टोनर माना जाता है क्योंकि यह प्राकृतिक तौर पर ठण्डक प्रदान करता है तथा त्वचा को ताजगी व स्फूर्ति का अहसास दिलाता है। आप अपने फ्रिज में गुलाब जल टानिक या गुलाब जल रख लें। आप दिन में ताज़गी का अहसास पाने के लिए चेहरे को गुलाब जल में धो सकती हैं। यदि आप बाहर जाती हैं तो गीले टीशू अपने साथ ले जायें तथा थकान का अहसास होने पर गीले टीशू से चेहरे को पोंछते रहें।

-अपनी त्वचा में मृत कोशिकाओं को हटाने के लिए कॉफी, पपीता, दही, टी बैग बेकिंग सोडा का इस्तेमाल कीजिए ताकि त्वचा पर नई कोशिकाएं उभर सकें जिससे आप युवा महसूस होंगी।

-त्वचा के छिद्रों को तैलीय या प्रदूषित पदार्थों से मुक्त रखिए। इस दौरान सुबह तुलसी या नीमयुक्त फेसवॉश का प्रयोग कीजिए। इस दौरान त्वचा की कोमलता तथा ताजगी सुनिश्चित करने के लिए केवल प्राकृतिक संघटकों से बने सौन्दर्य उत्पादों को ही प्राथमिकता दें।

-बरसाती मौसम में खुला फुटवीयर पहनिए ताकि पसीना सामान्य वातावरण में जल्दी सूख जाए। इस मौसम में कृत्रिम गहनों के उपयोग से बचें क्योंकि वातावरण में विद्यमान आर्द्रता से इनसे त्वचा में एलर्जी हो सकती है।

(लेखिका जानी-मानी सौंदर्य विशेषज्ञ हैं।)

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