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बेटे ने दोस्‍त संग मिलकर रची पिता के अपहरण की साजिश, प्लान हुआ फेल तो किया ऐसा…

शिवपुरी। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के शिवपुरी (Shivpuri) जिले के पिछोर थाना थाना इलाके के नगरिया कालोनी में बीती 22 जुलाई को 55 वर्षीय महेश गुप्ता की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। जिस वक्त महेश को गोली मारी गई, उस वक्त वह छत पर सो रहे थे। सुबह जब 6 बजे तक जब महेश गुप्ता नीचे नहीं आए तो परिजनों ने ऊपर जाकर देखा। वहां महेश गुप्ता की लाश पड़ी हुई थी और उनके सिर में गोली लगी थी। सूचना के बाद मौके पर पहुंची पिछोर थाना पुलिस के लिए सबसे बड़ा सावल यह था कि तीसरी मंजिल पर सो रहे महेश गुप्ता तक गोली मारने वाले कैसे पहुंचे?

बेटा ही निकला पिता का हत्यारा
अंधे कत्ल (blind murder) का पर्दाफाश करते हुए पुलिस अधीक्षक राजेश सिंह चंदेल ने बताया कि मृतक महेश गुप्ता के बड़े बेटे ने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या (suicide) कर ली थी। चूंकि महेश गुप्ता का बड़ा बेटा अनिल गुप्ता आर्मी में था, जिसके कारण परिवार को लगभग एक करोड़ रुपये इंश्योरेंस सहित सेना की ओर से भी आर्थिक सहायता मिली थी। महेश गुप्ता का छोटा बेटा 25 वर्षीय अंकित गुप्ता आपराधिक प्रवृत्ति का था और वह शराब बेचने से लेकर शराब पीने और जुआ-सट्टा जैसे कामों मे संलिप्त रहता था। अंकित गुप्ता की इन हरकतों से माता-पिता नाराज रहते थे।



ऑनलाइन गैंगेस्टर को खोजा, किडनैपिंग का था प्लान
मृतक के पुत्र 25 वर्षीय पुत्र अंकित गुप्ता का एक दोस्त 20 वर्षीय नितिन लोधी था, जो हाई प्रोफाइल शौक रखता था। नितिन लोधी को भी उसके परिजन खर्चे को पैसे नहीं देते थे जिससे वह भी परेशान था। नितिन और अंकित गुप्ता ने मिलकर किडनैपिंग की साजिश रची और गैंगस्टरों को ऑनलाइन खोजना शुरू किया। इसी दौरान उसकी मुलाकात बिहार के रहने वाले 18 साल के गैंगस्टर अजित चौहान से हुई। जिसके बाद दोनों ने मिलकर मेडिकल स्टोर के दुकानदार के बच्चे की किडनैपिंग की योजना बना डाली और इसकी सुपारी बिहार के रहने वाले 18 वर्षीय गैंगस्टर अजीत चौहान को दे दी।

सुपारी की पहली किस्त में 10 हजार रुपये दोनों दोस्तों के द्वारा गैंगस्टर के खाते में भी डाल दिए गए। बिहार का रहने वाला गैंगस्टर अजीत चौहान पिछोर पहुंचा, जहां उसने दोनों दोस्त अंकित और नितिन से और पैसों की मांग की। परंतु पैसों की व्यवस्था ना होने के चलते किडनैपिंग की योजना को कैंसिल कर दिया गया। जिसके बाद गैंगस्टर अंकित चौहान दोनों दोस्तों पर बिफर गया और उनसे एक लाख की मांग करने लगा। अंकित ने पुराना काम कराने या तो कोई दूसरा काम बताने की बात कही।

पुलिस ने किया गिरफ्तार
जिसके बाद पैसों की किल्लत को देखकर अंकित गुप्ता ने अपने ही पिता को अपने रास्ते से हटाने की योजना बना डाली। अंकित ने अपने पिता की हत्या की सुपारी गैंगस्टर अजीत चौहान को दे दी। 21 तारीख की रात अंकित गुप्ता ने करीब रात के 2:00 बजे गैंगस्टर को अपने घर पर बुलाया और तीसरी मंजिल पर ले गया, जहां गैंगस्टर ने अंकित गुप्ता के सामने ही उसके पिता ने गोली मार दी। फिर अंकित ने गैंगस्टर को अपने घर से बाहर निकाल कर दरवाजे का ताला लगा दिया। सुबह 6:00 बजे अंकित ने अपनी दूसरी बनाई योजना पर काम किया और पिता की हत्या की बारे में मनगढ़ंत कहानी पुलिस को बताई, परंतु पुलिस ने अंधे कत्ल का खुलासा करते हुए अंकित गुप्ता और उसके दोस्त नितिन लोधी सहित गैंगस्टर अजीत चौहान को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने हत्या में उपयोग किए गए 315 बोर के कट्टे को भी बरामद कर लिया।

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