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लोकसभा: आसंदी के खिलाफ टीएमसी सांसद की टिप्पणी से अध्यक्ष नाराज, बिरला बोले- ऐसा व्यवहार संसदीय लोकतंत्र पर आघात


नई दिल्ली। टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा की बृहस्पतिवार को आसन के खिलाफ टिप्पणी मामले में लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने नाराजगी जतायी है। उन्होंने कहा कि ऐसा व्यवहार संसदीय लोकतंत्र पर आघात है। सभी दलों के सदस्यों ने स्पीकर की राय पर अपनी सहमति व्यक्त की। सदस्यों ने आसन का सम्मान करने और आसन के खिलाफ टिप्पणी करने की घटना को गलत करार दिया।

गौरतलब है कि राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा के दौरान मोइत्रा और सभापति रमा देवी के बीच तीखी नोकझोंक हुई थी। इसके बाद मोइत्रा ने सदन के बाहर लोकसभा स्पीकर पर उन्हें पहले से निर्धारित समय न देने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि उन्हें पहले से तय समय 13 मिनट तक नहीं बोलने दिया गया।


इस बारे में स्पीकर ने कहा कि यह उनकी महानता थी कि उन्हें बोलने के लिए इतना समय दिया गया। शुक्रवार को इस मुद्दे पर स्पीकर बेहद आहत नजर आए। उन्होंने कहा कि आसन के खिलाफ सदन और सदन के बाहर की गई टिप्पणी से संसदीय लोकतंत्र को आघात पहुंचता है। सदस्यों को संसदीय लोकतंत्र और देश की सबसे बड़ी पंचायत की प्रतिष्ठा का ख्याल रखना चाहिए।

स्पीकर ने कहा कि अगर किसी को कोई समस्या है तो वह उनके चैंबर में अपनी बात रख सकते हैं। सदन के बाहर और सोशल मीडिया में आसन के खिलाफ टिप्पणी अस्वीकार्य है। इसके बाद कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी, टीएमसी के सुदीप बंदोपाध्याय, शिवसेना के अरविंद सामंत, टीआरएस के नमा नागेश्वर राव, नेशनल कांफ्रेंस के फारूक अब्दुल्ला सहित सभी दलों के सदस्यों ने स्पीकर की बात से सहमति व्यक्त की।

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