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चीनी का उत्पादन तीन गुना बढ़कर रहा 14.10 लाख टन: इस्मा

नई दिल्‍ली। बेहतर फसल उत्पादन और पेराई अभियान वक्‍त पर शुरू होने से चीनी के उत्‍पादन में तीन गुणा वृद्धि हुई है। इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) ने कहा कि एक अक्‍टूबर से चीनी मिलों में शुरू हुई पेराई के चलते 15 नवम्बर तक चीनी का कुल उत्पादन 14.10 लाख टन हो चुका है, जबकि पिछले साल इसी अविध तक चीनी का उत्पादन मात्र 4.84 लाख टन हो सका था।

देश में चीनी उद्योग के प्रमुख संगठन इस्‍मा ने कहा कि चूंकि भारत में एक बार और अधिशेष चीनी उत्पादन होने जा रहा है, इसलिए वह चीनी निर्यात के बारे में सरकार के नीतिगत फैसले और सब्सिडी समर्थन के साथ बफर स्टॉक निर्माण के बारे में भी फैसले के इंतजार में है।

इस्मा के मुताबिक पिछले साल की तुलना में, महाराष्ट्र और कर्नाटक में अच्छी बारिश और जलाशयों में पर्याप्त पानी की उपलब्धता, गन्ने की अधिक पैदावार और बेहतर उपज की वजह से गन्ने की बेहतर उपलब्धता के कारण अक्टूबर 2020 के अंतिम हफ्ते के दौरान पेराई सत्र की अच्छी शुरुआत हो सकी है।

चीनी उद्योग संगठन ने कहा कि चालू सत्र में 15 नवम्‍बर तक 271 चीनी मिलें परिचालन में थीं, जबकि एक साल पहले इसी दौरान 127 चीनी मिलें परिचालन कर रही थीं। कुल चीनी उत्पादन में, देश के अग्रणी चीनी उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश में मिलों ने 15 नवम्‍बर तक 3.85 लाख टन चीनी का उत्पादन किया, जो कि एक साल पहले की अवधि में 2.93 लाख टन चीनी उत्पादन से अधिक है।

वहीं, देश के दूसरे सबसे बड़े चीनी उत्पादक राज्य महाराष्ट्र में मिलों ने चालू सत्र में अब तक 5.65 लाख टन चीनी का उत्पादन किया है। पिछले सत्र की समान अवधि में सूखा होने और कम गन्ने के कारण पेराई का काम बहुत देर से नवम्‍बर के चौथे हफ्ते में शुरू हुआ था। इसी तरह कर्नाटक में चीनी का उत्पादन पिछले वर्ष की अवधि में 1.43 लाख टन से बढ़कर 3.40 लाख टन हो गया।

इसके अलावा अन्य राज्यों गुजरात में चीनी का उत्पादन चालू सत्र में 15 नवम्‍बर तक 80 हजार टन तक जा पहुंचा है, जबकि पिछले साल यह उत्पदन 2 हजार टन था। उत्तराखंड, बिहार, हरियाणा, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में लगभग 18 कारखानों ने पेराई कार्य शुरू किया है और चालू सत्र में 15 नवम्‍बर तक 40 हजार टन चीनी का उत्पादन किया है।

इस्मा ने भारत में एक और अधिशेष चीनी वर्ष होने की बात कहते हुए कहा कि अधिशेष चीनी के करीब 60-70 लाख टन हिस्से का निर्यात जारी रखने की जरूरत है। उद्योग संगठन ने कहा है कि 106.4 लाख टन पिछले साल के बचे स्टॉक तथा चालू सत्र में 310 लाख टन के उत्पादन अनुमान को देखते हुए, आपूर्ति के लिए अधिक चीनी होगी।

इथेनॉल पर इस्मा ने कहा कि चीनी मिलों ने वर्ष 2019-20 के चीनी सत्र (दिसंबर-नवम्‍बर) के नौ नवम्‍बर तक 160.23 करोड़ लीटर इथेनॉल की आपूर्ति की है। हालांकि, चीनी सत्र 2020-21 में तेल विपणन कंपनियों (ओएमसी) ने चीनी मिलों से करीब 322.57 करोड़ लीटर इथेनॉल के लिए प्राप्त प्रस्तावों के मुकाबले लगभग 262.27 करोड़ लीटर का आवंटन किया है। (एजेंसी, हि.स.)

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