विदेश

ताइवान ने देश में स्थापित किया पहला हिंदू मंदिर, भारत के बढ़ते प्रभाव से जल उठा चीन

नई दिल्ली। द्विपीय देश ताइवान (island nation taiwan) ने अपने एक कदम से जहां भारत (India) को झूमने का मौका दिया है, तो वहीं चीन (China) इससे जल भुन उठा है। दरअसल ताइवान ने अपने देश में पहला हिंदू मंदिर (Hindu temple) स्थापित कर भारत और भारतीय हिंदुओं की आस्था का सम्मान किया है। इससे चीन चिंतित हो गया है। चीन ताइवान को अपना हिस्सा मानता है और उस पर कब्जा करना चाहता है। मगर ताइवान में अमेरिका (America) के बाद अब भारत के बढ़ते प्रभाव ने चीन की बौखलाहट को और बढ़ा दिया है। बता दें कि ताइवान राष्ट्र लगातार चीन से खतरों का सामना कर रहा है। इसके बावजूद उसने अपने देश में पहला हिंदू मंदिर स्थापित करके भारत के साथ मजबूत सांस्कृतिक संबंधों का एक उदाहरण पेश किया है। इसका नाम “सबका मंदिर” रखा गया है। इसमें शिवलिंग से लेकर मां दुर्गा, हनुमानजी समेत अन्य देवी-देवताओं की प्रतिमाएं हैं। भारतीय अप्रवासी एंडी सिंह आर्य की मदद से इस मंदिर को बनाया गया है। वह ताइपे में एक प्रसिद्ध रेस्तरां के मालिक भी हैं।

एक सोशल मीडिया साइट पर उन्होंने मंदिर के स्थापित होने पर खुशी व्यक्त की, क्योंकि उनके प्रयासों से उस मंदिर को आकार मिला। एंडी ने लगभग 23 साल पहले इस मंदिर की कल्पना करने का दावा किया है। एंडी ने कहा कि “23 साल पहले,जब मैं अकेला था और अंधेरी रातों में कोई उम्मीद नहीं थी, तब मैं ताइवान में एक हिंदू मंदिर की तलाश कर रहा था। मुझे नहीं पता था कि भगवान मुझे ताइवान के पहले भारतीय मंदिर (सबका मंदिर) का सेवक बनने के लिए चुनेंगे। अब 2023 ताइवान में पहले भारतीय मंदिर के लिए एक उल्लेखनीय वर्ष है। सेवक एंडी ने फेसबुक पर कई तस्वीरों और वीडियो के साथ लिखा कि यहां हिंदू मंदिर खोलना सौभाग्य की बात है…तस्वीरों में भारतीय समुदाय के लोग नए मंदिर के सामने फोटो खिंचवाते देखे गए।


भारत और ताइवान में बढ़ रही नजदीकी
वैसे तो भारत और ताइवान में औपचारिक राजनयिक संबंधों का अभाव है, लेकिन दोनों सरकारें एक-दूसरे के साथ अनौपचारिक संबंध बनाए रखती हैं। 1995 में दोनों देशों ने एक-दूसरे की राजधानियों में प्रतिनिधि कार्यालय स्थापित किए। अर्थात् नई दिल्ली में आरओसी (ताइवान) के लिए भारत में ताइपे, आर्थिक और सांस्कृतिक केंद्र और ताइपे में भारत के लिए भारत-ताइपे एसोसिएशन (आईटीए) खोला गया। तब से, हाल के वर्षों में ताइवान और भारत के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान काफी बढ़ गया है। भारत के प्रमुख फिल्म समारोहों में प्रतिवर्ष प्रदर्शित की जाने वाली ताइवान फिल्मों के अलावा, ताइवान के प्रदर्शन कला समूहों का भी भारतीय दर्शकों द्वारा स्वागत किया गया है। हाल ही में, ताइवान के विदेश मंत्री जौशीह जोसेफ वू ने भारत के साथ संबंधों का विस्तार करने की इच्छा व्यक्त की और रेखांकित किया कि दोनों पक्षों के बीच प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौता ताइवान की कंपनियों के लिए भारत में विनिर्माण आधार स्थापित करने के लिए एक “बड़ा प्रोत्साहन” होगा।

भारत के साथ ताइवान चाहता है मुक्त व्यापार
ताइवान भारत के साथ मुक्त व्यापार चाहता है। ताइवान के विदेश मंत्री ने कहा कि ताइपे ने नई दिल्ली को बता दिया है कि एफटीए वार्ता शुरू करने का समय आ गया है। दोनों पक्ष पहले ही एफटीए के लिए अध्ययन कर चुके हैं और समझौते के लिए प्रारंभिक चर्चा कर चुके हैं। वू ने कहा, एफटीए हमारी कंपनियों के लिए भारत में विनिर्माण आधार स्थापित करने के लिए एक “बड़ा प्रोत्साहन” होगा, क्योंकि व्यापार समझौते से देश में विभिन्न उपकरणों और संबंधित सामग्रियों को लाने सहित विभिन्न पहलुओं पर टैरिफ में राहत मिलेगी। “हमारे व्यापार संबंध गति पकड़ रहे हैं। ताइवान के निवेशक भारत के लिए लालायित हैं। ताइवान और भारत के बीच सेमीकंडक्टर सहयोग को दोनों देशों के शीर्ष नेतृत्व का आशीर्वाद प्राप्त है।”

Share:

Next Post

इस दिन होगी वनडे वर्ल्ड कप की ओपनिंग सेरेमनी, जानें नरेंद्र मोदी स्टेडियम का पूरा शेड्यूल

Sun Aug 27 , 2023
नई दिल्ली। वनडे वर्ल्ड कप (ODI World Cup) इस साल भारत (India) में खेला जाना है। इस टूर्नामेंट की शुरुआत 05 अक्टूबर से नरेंद्र मोदी स्टेडियम (Narendra Modi Stadium) में इंग्लैंड बनाम न्यूजीलैंड (england vs new zealand) मैच के साथ होगी। फैंस इस टूर्नामेंट का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। वहीं फैंस इस बात […]