इंदौर न्यूज़ (Indore News)

हजार के बजाय 1400 ले लो, और कितना कमाओगे

 

निजी अस्पताल संचालकों की बैठक में प्रशासन ने दी हिदायत… अनावश्यक बिलिंग नहीं करें
इंदौर।  एक तरफ इलाज की मारामारी, दूसरी तरफ मरीजों के साथ हो रही लूट की खबरें भी दिनभर मिलती है। लिहाजा कलेक्टर मनीष सिंह (Collector Manish Singh) ने कल निजी अस्पताल संचालकों (Private Hospital Operators) की बैठक बुलाई और उन्हें कड़ी फटकार भी लगाई। इंजेक्शनों (Injection) का सही इस्तेमाल करने, अनावश्यक बिलिंग ना करने के साथ-साथ यह भी कहा कि सामान्य दिनों में जो बेड एक हजार रुपए का देते हो उसके अभी अधिकतम 1400 रुपए ले लो, लेकिन और कितना कमाओगे..? दरअसल कई अस्पताल एक-एक बेड के 5 से 10 हजार रुपए रोज तक वसूल कर रहे हैं। कलेक्टर ने कहा कि ये व्यवसाय का नहीं, बल्कि मानव जाति की सेवा-सहायता करने का समय है। कोरोना महामारी के खिलाफ निजी अस्पताल, संबंधित मेडिकल स्टाफ ही अनुकरणीय सहयोग प्रदान कर सकता है और अधिकांश लोग कर भी रहे हैं। थोड़े-बहुत ही इसका फायदा उठाकर अवैध कमाई में लिप्त हैं, उन्हें प्रशासन कड़ा सबक भी सिखाएगा।


कलेक्टर मनीष सिंह ने कल एपल हॉस्पिटल के मेडिकल सील शॉप को सील करवाया और शॉप संचालक और कर्मचारी के खिलाफ भंवरकुआ थाने में तहसीलदार सुदीप मीणा से एफआईआर भी दर्ज करवाई। वहीं गौरव हास्पिटल, सांई हास्पिटल और राऊ स्थित मिनेष हास्पिटल को अधिक बिलिंग करने के मामले में अब नए मरीजों की भर्ती पर रोक लगवाई और स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी किया गया नर्सिंग होम लाइसेंस भी निरस्त करवा दिया। समस्त निजी चिकित्सालय प्रशासन द्वारा निर्धारित की गई दरों एवं प्रोटोकॉल के आधार पर ही कोरोना संक्रमित मरीजों का उपचार करेंगे। उन्होंने कहा की इस बात का स्पष्ट रूप से ध्यान दिया जाए कि मरीजों से मनमाने पैसे ना वसूले जाए। उद्धरण के रूप मे अगर सामान्य स्थिति में वे मरीज को बेड रिज़र्व करने का एक हजार रुपए शुल्क लेते थे तो वर्तमान स्थिति में यह शुल्क एक हज़ार 400 से ज्यादा नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस संकट की स्थिति में वे मरीजों से उपचार हेतु उचित शुल्क ही लें। यह व्यवसाय का नहीं बल्कि मानव जाति की सहायता करने का समय है। कलेक्टर सिंह ने निजी अस्पताल संचालकों को निर्देश दिए है कि वे संक्रमित मरीजों एवं उनके परिवारजनों को सभी जरुरी व्यवस्थाएं प्रदान करें एवं समय-समय पर परिवारजनों को मरीज की स्वास्थ्य स्थिति के संबंध में पूर्ण जानकारी भी दें। उन्होंने कहा कि अस्पताल मे ऑक्सीजन (Oxygen) का अनावश्यक लीकेज या वेस्टेज ना हो इस पर विशेष तौर से ध्यान दिया जाए। चिकित्सक द्वारा प्रिसक्राइब्ड ऑक्सीजन (Oxygen) लिमिट के अनुसार ही मरीज को ऑक्सीजन दिया जाए।

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