- छठवी कक्षा से पढ़ाई जाएगी व्यावसायिक शिक्षा
भोपाल। नई शिक्षा नीति (Education Policy) को अमल में लाते हुए राज्य सरकार (State Government) शिक्षा व्यवस्था में बढ़ा बदलाव करने जा रही है। छठवी कक्षा से ही व्यावसायिक शिक्षा की शुरूआत होगी। ग्रामीण क्षेत्र में सरकारी स्कूलों (Schools) की मौजूदा शिक्षा व्यवस्था को बदलकर नई व्यवस्था लागू होगी। जिसके तहत जगह-जगह खुले स्कूलों को दूसरे स्कूलों में मर्ज किया जाएगा। हर 25 किलोमीटर के दायरे में एक सीएम राइज स्कूल खोला जाएगा। आसपास के गांवों के बच्चे बसों से पढऩे जाएंगे। किराया का भुगतान सरकार चुकाएगी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) ने विद्यार्थियों (Students) के खातों में 326 करेाड़ रुपए की छात्रवृत्ति अंतरित करते समय यह बात कही। मुख्यमंत्री (Cheif Minister) ने कहा कि आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के निर्माण के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा आवश्यक है। सीएम राइज़ स्कूल आरंभ किये जाएगें, जिनमें प्रयोगशाला, पुस्तकालय, खेल मैदान पर्याप्त संख्या में शिक्षकों की व्यवस्था होगी। आस-पास के क्षेत्रों से विद्यार्थियों को लाने-ले-जाने के लिए बसों की व्यवस्था भी की जाएगी। शिक्षा विभाग से जुड़े सूत्रों के अनुसार शुरूआत में हर जिला मुख्यालय पर एक सीएम (CM) राइज स्कूल खुलेगा। इसके बाद ब्लॉक स्तर पर स्कूल खुलेंगे। यह अगले 10 साल का प्रोजेक्ट है। शुरूआत में जिला मुख्यालय पर स्कूल खुलेंगे।
४० हजार स्कूलों को किया मर्ज
पिछले कुछ सालों में सरकार (Government) ने स्कूलों (Schools) की संख्या बढ़ाने का काम किया था। जिसकी वजह से स्कूलों में शिक्षकों की संख्या कम हो गई और शिक्षा की गुणवत्ता लगातार गिरती गई। सरकार अब स्कूलों को मर्ज करने का काम कर रही है। अभी तक करीब 40 हजार स्कूलों को मर्ज किया जा चुका है।
कोरोना काल में शिक्षकों की भूमिका सराहनीय
मुख्यमंत्री (Cheif Minister) ने कहा कि ज्ञान, कौशल और नागरिकता के संस्कार शिक्षा के उद्देश्य हैं। इससे हम पीढिय़ों से संचित ज्ञान परम्परा से लाभान्वित होते हैं। कौशल हमें आजीविका के प्रबंधन के योग्य बनाता है और नागरिकता के संस्कार से ईमानदारी, परिश्रम, कत्र्तव्य निष्ठा, चारित्रिक बल तथा देशभक्ति के गुण विकसित होते हैं। चौहान ने विद्यार्थियों से कहा कि सफलता के लिए संकल्पित होकर लक्ष्य तय कर परिश्रम आवश्यक है। परीक्षा में उत्साह से भरे रहें पर तनाव न पालें। कोरोना काल की कठिन परिस्तिथियों में शिक्षकों द्वारा ऑनलाइन (Online) प्रक्रिया से निरन्तर विद्यार्थियों की शैक्षिणक कठिनाइयों को दूर करने के प्रयासों की सराहना की।
27 प्रकार की छात्रवृत्तियों का वितरण
समेकित छात्रवृत्ति योजना में पाँच विभागों की 27 प्रकार की छात्रवृत्तियों की 326 करोड़ 25 लाख से अधिक की राशि 13 लाख 80 हजार से अधिक छात्र-छात्राओं के खाते में सिंगल क्लिक के माध्यम से अंतरित की गई। इसमें स्कूल शिक्षा विभाग के 1 लाख 30 हजार 628 विद्यार्थी, अनुसूचित जाति कल्याण विभाग के 4 लाख 78 हजार 825, जनजातीय कार्य विभाग के 4 लाख 32 हजार 484, विमुक्त, घुम्मकड़ एवं अर्धघुम्मकड़ जनजातीय कल्याण विभाग के 2 हजार 896 और पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के अंतर्गत 3 लाख 35 हजार 413 विद्यार्थियों के खाते में छात्रवृत्ति की राशि अंतरित की गई।
छात्रों के चर्चा के बाद जुलानिया का निकला आदेश
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने स्कूल शिक्षा विभाग के कार्यक्रम में प्रदेश के छात्रों को संबोधित किया। बताया गया कि इस कार्यक्रम मेें माध्यमिक शिक्ष मंडल के अधिकारी शामिल नहीं हुए थे। जबकि बोर्ड परीक्षा से पहले यह मुख्यमंत्री का बड़ा कार्यक्रम था। मुख्यमंत्री ने छात्रों से संवाद करके उन्हें परीक्षा की तैयारियों के टिप्स दिए थे। शिक्षा मंडल के अधिकारियों के कार्यक्रम में नहीं जुडऩे से सीएम बेहद खफा थे। साथ ही स्कूल शिक्षा विभाग की प्रमुख सचिव रश्मि अरुण शमी और शिक्षा मंडल के अध्यक्ष राधेेश्याम जुलानिया के बीच तनानती के खबरें भी लंबे समय से आ रही थीं। दोनों अफसरेां की आपसी खींचतान की वजह से छात्रों को अनुसान न हो जाए। सीएम की बैठक के बाद जुलानिया का तबादला आदेश जारी हो गया। उन्हें मंत्रालय में ओएसडी बनाया गया है।